अर्जुनराम मेघवाल से पंगा कैलाश मेघवाल को पड़ा भारी! अब हो सकते हैं विधायक दल से बाहर
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अर्जुनराम मेघवाल से पंगा कैलाश मेघवाल को पड़ा भारी! अब हो सकते हैं विधायक दल से बाहर

Kailash Meghwal: बगावती तेवर वाले कैलाश मेघवाल पर निष्कासन की तलवार , पार्टी और विधायक दल से बाहर करने की तैयारी

 

अर्जुनराम मेघवाल से पंगा कैलाश मेघवाल को पड़ा भारी! अब हो सकते हैं विधायक दल से बाहर

Kailash Meghwal: बगावती तेवर दिखाने वाले कैलाश मेघवाल पर निलम्बन के बाद अब निष्कासन की तलवार लटक रही है. भाजपा कैलाश मेघवाल को पार्टी से 6 साल के लिए बर्खास्त करने की तैयारी कर रही है. वहीं मेघवाल को जल्द ही भाजपा विधायक दल से भी बाहर से भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. भाजपा ने अपने इस एक्शन के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को जानकारी दे दी है.

पिछले दिनों अपनी ही पार्टी के केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और प्रदेश के नेताओं पर आरोप लगाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल को पार्टी् की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित किया गया है. बीजेपी अब कैलाश मेघवाल को 6 साल के लिए निष्कासित करने जा रही है. प्रदेश बीजेपी की अनुशासन समिति ने मेघवाल की निष्कासन के लिए केंद्रीय अनुशासन समिति और केंद्रीय नेतृत्व से पत्र लिखकर राय मांगी है.

बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा के अनुशासन समिति ने अपने पत्र में यह साफ लिखा है कि मेघवाल ने जिस तरह से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल पर खुले तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, उससे पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही नोटिस देने के बाद भी उन्होंने पार्टी से सीधा संवाद करने की बजाय मीडिया के जरिए दोबारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल पर गंभीर आरोप लगाए वह झूठे और बुनियाद हैं. इस तरह के कृत्य करने से भारतीय जनता पार्टी की छवि पर असर पड़ा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के संविधान के अनुसार मेघवाल को आगामी 6 महीने के लिए निष्कासित किया जाना चाहिए, ताकि अन्य किसी को भी यह सबक मिले कि वह पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़े. अब प्रदेश भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति और केंद्रीय नेतृत्व के जवाब का इंतजार कर कर रही है. माना जा रहा है कि जैसे ही केंद्र से जवाब आएगा उसके साथ ही मेघवाल को बर्खास्त कर दिया जाएगा.

विधायक दल से भी बाहर होंगे मेघवाल

कैलाश मेघवाल के निष्कासन के साथ-साथ बीजेपी उन्हें भाजपा विधायक दल से भी बाहर करने की तैयारी में है. इसको लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व से सुझाव मांगा गया है. बताया जा रहा है कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के संविधान में हुए संशोधन के तहत अब राज्य को यह अधिकार मिल गए हैं कि वह अपने स्तर पर भी पार्टी का अनुशासन तोड़ने पर पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले विधायक को विधायक दल से बाहर कर सकता है. इसका अधिकार नेता प्रतिपक्ष के पास होगा. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के अनुमोदन से कैलाश मेघवाल को पार्टी के विधायक दल से बाहर किया जा सकता है. कैलाश मेघवाल पर कार्रवाई जोती है तो वो दूसरे विधायक होंगे जिन्हें बीजेपी विधायक दल से निष्कासित किया जाएगा.

क्या है प्रक्रिया

दरअसल पार्टी का किसी भी तरह से अनुशासन तोड़ने पर अनुशासन समिति की ओर से पहले नोटिस देकर जवाब मांगा जाता है, नियमित समय अवधि तक जवाब नहीं आने पर अनुशासन समिति पार्टी की प्रारंभिक सदस्यता से निलंबित करने की अनुशंसा प्रदेश अध्यक्ष को करती है. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अनुशंसा का परीक्षण करने के बाद निलंबन की कार्रवाई के आदेश जारी करता है. निलंबन के आदेश में भी 10 से 15 दिन का वक्त सफाई के लिए दिया जाता है, अगर फिर भी पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाला नेता अपना जवाब संतुष्टि पूर्ण या जवाब नहीं देता है तो उसके बाद पार्टी 6 साल के लिए निष्कासित कर देती है , यानी अनुशासन तोड़ने वाले नेता को एक चुनाव जिसमे लोकसभा , विधानसभा सभा या अन्य पार्टी के सिंबल पर होने पंचायती राज या नगरीय निकाय के चुनाव नही लड़ सकता.

ये हुआ था विवाद

बता दें कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने 27 अगस्त को एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को भ्रष्टाचारी बताते हुए मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी. मेघवाल के इस बयान को पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए 10 दिन का 29 अगस्त को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा, लेकिन कैलाश मेघवाल ने नोटिस का जवाब नही दिया 13 सितंबर को प्रेस कांफ्रेस कर अपने आरोप को खुले तौर पर दोहराया . इतना ही नही मेघवाल ने इस बार पार्टी के दूसरे नेता प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तथा सतीश पूनियां पर भी पार्टी में गुटबाजी करने के आरोप जड़ दिए. हालांकि मेघवाल के अनुशासनहीनता पर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने उन्हें उसी दिन पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित कर दिया था .

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