राजेंद्र राठौड़ ने 12 घंटे में पीएम मोदी, जेपी नड्डा समेत 12 मीटिंगें की, दिल्ली में सक्रियता के क्या मायने
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राजेंद्र राठौड़ ने 12 घंटे में पीएम मोदी, जेपी नड्डा समेत 12 मीटिंगें की, दिल्ली में सक्रियता के क्या मायने

Rajasthan politics : राजेंद्र राठौड़ ने जयपुर में नई जिम्मेदारी मिलने के बाद से दिल्ली में डेरा डाल रखा है. 12 घंटे में कई नेताओं से मुलाकातें की है. पीएम मोदी से लेकर जेपी नड्डा और ओम माथुर से लेकर राजनाथ सिंह और किरोड़ीलाल मीणा से मिले है.

राजेंद्र राठौड़ ने 12 घंटे में पीएम मोदी, जेपी नड्डा समेत 12 मीटिंगें की, दिल्ली में सक्रियता के क्या मायने

Rajasthan politics : राजस्थान में बीजेपी इन दिनों कई बड़े बदलाव कर रही है. उसी कतार में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को नई जिम्मेदारी दी गई है. उनको नेता प्रतिपक्ष बनाया है. सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. वसुंधरा राजे और गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में मिली नई जिम्मेदारी के बाद से राजेंद्र राठौड़ दिल्ली निकल गए. वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत 11 मीटिंगों में 14 से ज्यादा बड़े नेताओं से मुलाकात की.

राठौड़ ने सबसे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के चेंबर में उनसे मुलाकात की. इस दौरान नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी मौजूद थे. इसके बाद यहीं पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू और भूपेंद्र यादव से भी चर्चा हुई. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठक वी सतीश के साथ भी मीटिंग हुई. इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर राजस्थान में नई जिम्मेदारी देने पर आभार जताया. 

राजेंद्र राठौड़ ने दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से भी मुलाकात की. राजस्थान में धनकड़ और राठौड़ दोनों शेखावाटी क्षेत्र से संबंध रखते है. इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद वो राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा से मिलने उनके आवास पहुंचे. मीणा के अलावा जयपुर से आने वाले राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और जोधपुर से आने वाले राजेंद्र गहलोत से भी मिले.

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इसके अलावा राजेंद्र राठौड़ की मुलाकात ओम माथुर से भी हुई. ओम माथुर केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल राजस्थान से एकमात्र नेता है. शाम होते होते पीएम मोदी के साथ भी उनकी मीटिंग हुई. राठौड़ के पद संभालने के तुरंत बाद दिल्ली में बढ़ी सक्रियता के जयपुर में कई मायने निकाले जा रहे है. बहरहाल, साल के आखिर में चुनाव है. अभी प्रदेश में चुनाव प्रबंधन समिति से लेकर चुनाव प्रचार समिति की घोषणा होनी है. इसके अलावा संगठन स्तर पर भी कई बदलाव होने की संभावना है. ऐसे में राठौड़ की कई सीनियर नेताओं से मुलाकात के मायने निकल रहे है.

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