Rajasthan News: प्रतापगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक स्थलों की वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी बनवाई गई थी. वीडियो जारी होने के बाद से कांठल की खूबसूरती चर्चा में बनी हुई है.
दुनियाभर में राजस्थान का नाम सुनते ही आम आदमी के दिमाग में रेगिस्तान की तस्वीर सामने आ जाती है, लेकिन आज हम आपको वागड़ और कांठल में बहने वाली माही नदी और जाखम बांध के पिछले इलाकों में बसे टापू के बारे में बताने वाले हैं जो इस क्षेत्र को और भी खूबसूरत बनाता है.
प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट उपखंड क्षेत्र के आखापुरा और खरखोटी गांव में बहती माही के पिछले इलाके में पानी के बीच में 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में बसे इन टापुओं पर 12 माह हरियाली रहती है.
आखपुरा खरकोटी से इसे बहुत ही करीब से देखा जाता है. यहां छोटे-बड़े 40 से 50 टापू बने हुए हैं जो प्रतापगढ़ से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है. पर्यटन का हब बनाने के लिए तैयार किए जा रहे टूरिज्म सर्कल को जोड़ने में यह स्थान भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा.
आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले लोग यहां साल में एक फसल का उत्पादन करते हैं. सर्दी में इन टापुओं पर मक्का और गेहूं की खेती होती है. यहां पर लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर जीवन यापन करते हैं.
यहां के लोगों को दूर-दूर बसे घरों से में कोई संदेश देना होता है, तो पारंपरिक वाद्य यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है. ढोल की अलग-अलग ताल अलग संदेश देती है. खतरा, खुशी, बीमारी सबके लिए अलग-अलग ढाप लगाई जाती है.
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