Rajsamand: गहलोत सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सकंल्पबद्ध हैं. गहलोत सरकार का प्रयास है कि राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बने.
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Rajsamand: गहलोत सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सकंल्पबद्ध हैं. गहलोत सरकार का प्रयास है कि राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बने. इसके लिए कार्य योजना तैयार करके विकसित राजस्थान के लिए गहलोत सरकार द्वारा “विजन दस्तावेज-2030“ तैयार करने का निर्णय लिया गया हैं. जिसका भव्य आगाज मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा जयपुर में किया जा चुका हैं.
इसी के चलते राजसमंद जिला स्तरीय शिविर का आयोजन जिला कलक्टर सक्सेना की अध्यक्षता में खान एवं भूविज्ञान विभाग, उद्योग, जी.एस.टी., वाणिज्यिक एवं रिको विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मार्बल गैगसा एसोसिएशन राजसमन्द के भवन में आयोजित किया गया है. बता दें कि राजसमंद कलेक्टर सक्सेना द्वारा शिविर की अध्यक्षता कर राज्य सरकार के मिशन 2030 के तहत किस प्रकार कार्य किया जाना है एवं इससे जुड़ी समस्याओ एवं प्राप्त सुझावों पर चर्चा कर मुख्यमंत्री गहलोत के विजन 2030 को सफल बनाने के लिए किस प्रकार कार्य योजना बनाई जावे इस पर प्रकाश डाला गया.
शिविर में अधीक्षण खनि अभियन्ता राजसमन्द कमलेश्वर बारेगामा, भानु प्रताप सिंह महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, रविन्द्र सिंह चुण्डावत जीएसटी विभाग, रामकिशन गुप्ता रिको, लक्ष्मीनारायण, खनि अभियन्ता, गौरव राठौड़ अध्यक्ष मार्बल माईन्स ऑनर एसोसिएशन, रवि शर्मा अध्यक्ष मार्बल गैगसा एसोसिएशन, शान्तिलाल कोठारी खैतान बिजनेंस कॉरपोरेशन से राजेन्द्र हरलालका आदि उपस्थित रहे. इनके द्वारा मार्गदर्शन प्रदान कर आ रही समस्याओ के निराकरण के सुझाव दिये गये.
बता दें कि इस कार्यक्रम का संचालन खनि अभियन्ता आमेट आसिफ मोहम्मद अंसारी द्वारा किया गया. शिविर में लगभग 150 खान मालिक, चार्टड एकाउण्टेंट, उद्यमी, कटर मालिक आदि ने भाग लिया और सुझाव लिखित में प्रस्तुत किये. कटर एसोसिएशन के अध्यक्ष नानालाल सार्दुल द्वारा लघु उद्यमों एवं छोटे खनन व्यवसाईयो को आ रही विभिन्न प्रकार की परेशानियो के संबंध में अवगत कराया गया. सार्दुल द्वारा कटर पॉलिसी लागु करने एंव राजस्व विभाग द्वारा वसूला जा रहा लेण्ड टेक्स को निरस्त कराने का निवेदन किया है.
इनके द्वारा विभाग की ओर से स्वीकृत किये गये खननपट्टों के आस-पास वाहनों के आवागमन, खनन से निकलने वाले मलबे को एक निश्चित स्थान पर डालने एवं उसके लिए विभाग एवं राजस्व के द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाने की मांग की गई. क्योंकि खनन पट्टा प्रभाव में आने के पश्चात आस-पास के खातेदारो द्वारा उच्चतर दरो पर एवं भविष्य में विवाद भी होता रहता हैं.
राजस्थान मिशन 2030 के तहत आमंत्रित किये गये जिला राजसमन्द के खननपट्टेधारी, चार्टड अकाउण्टेंट, गैगसॉ उद्योगपति आदि उपस्थित थे. इनके द्वारा भी विभिन्न प्रकार के सुझाव दिये गये तथा आ रही समस्याओं से मौखिक रूप से अवगत कराया गया. प्राप्त सुझावों को उच्च स्तर पर निराकरण के लिए भिजवाये जाने की कार्यवाही विभागों द्वारा की जा रही हैं.
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