राजसमंद के डूंगाजी में बही विकास की बयार, सरपंच के फैसलों ने चमका दी गांव की तस्वीर
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राजसमंद के डूंगाजी में बही विकास की बयार, सरपंच के फैसलों ने चमका दी गांव की तस्वीर

 Rajsamand News :राजसमंद  जिले की  महिला सरपंच ने अपने गांव की पूरी तस्वीर बदल कर रख दी है.डूंगाजी गांव में पहले पानी की समस्या इतनी थी कि यहां की महिलाओं को लगभग 2 किलोमीटर की दूरी से पानी भरकर लाना पड़ता था.

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 Rajsamand News :राजसमंद  जिले की  महिला सरपंच ने अपने गांव की पूरी तस्वीर बदल कर रख दी है. महिला सरपंच ने गांव के लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उन्हें ज्यादातर हल करने का प्रयास किया है. गांव के लोगों ने बताया है कि महिला सरपंच कंचन भूपेंद्र सिंह ने गांव के विकास में चार-चांद लगा दिए हैं.

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डूंगाजी गांव में पहले पानी की समस्या इतनी थी कि यहां की महिलाओं को लगभग 2 किलोमीटर की दूरी से पानी भरकर लाना पड़ता था. इतना ही नहीं यहां के बच्चों को 12वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए भी गांव से बाहर जाना पड़ता था. गांव के लोगों ने बताया कि जब से डूंगाजी का गांव की सरपंच कंचन भूपेंद्र सिंह बनी हैं, तब से गांव की तस्वीर ही अलग हो गई है.

 गांव के लोगों ने बताया कि गांव में बिजली, पानी और सड़क मुख्य समस्या थी. इस समस्या से सरपंच कंचन भूपेंद्र सिंह ने निजात ​दिलाई. आपको बता दें कि राजसमंद जिले की भीम विधानसभा में आने वाली ग्राम पंचायत डूंगाजी का गांव की आबादी वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार लगभग साढ़े 6 हजार की है. जो कि अब अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्तमान में यह जनसंख्या लगभग 8 हजार हो सकती है.

 सरपंच कंचन भूपेंद्र सिंह ने बताया कि गांव की जनता ने हमारे परिवार पर दूसरी बार विश्वास जताते हुए हमें फिर से इस गांव की सेवा करने का मौका दिया है. और इसी के चलते मैं गांव के लोगों की परेशानी को अपनी परेशानी समझती हूं. गांव के लोगों की समस्याओं को जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी समाधान करती हूं.

महिला सरपंच कंचन ने बताया कि कोरोना के समय गांव के लोगों को परेशान नहीं होने दिया सरपंच होने के नाते उन्हें घर बैठे सब्जी से लेकर अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई. तो वहीं ग्रामीण पानी की समस्या से बहुत परेशान थे. इसके लिए गांव में जहां जरूत थी वहां पर हैंडपम्प लगवाए गए हैं. तो वहीं उंचाई पर बिजली से पानी पहुंचाने के लिए सोलर लाइट का प्लांट भी लगवाया गया. इतना ही नहीं गांव के बच्चों को गांव से बाहर पढ़ाई के लिए ना जाना पड़े इसके लिए गांव में 12वीं तक की स्कूल क्रमोन्नत करवाई गई और गांव में कच्ची सड़क को पक्की सड़क में तब्दील भी गई है. महिला सरपंच कंचन ने बताया कि गांव में शौचालय का भी निर्माण करवाया गया है.

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