राजसमंद के कटार और उपरी क्षेत्र में अच्छी बारिश के बाद बाघेरी नाका बांध में पानी की आवक तेज हो गयी है. इस बांध से राजसमन्द व उदयपुर जिले के 300 से अधिक गांवों में वर्षभर पेयजल आपूर्ति होती है.
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Rajsamand: राजसमंद के कटार और उपरी क्षेत्र में अच्छी बारिश के बाद बाघेरी नाका बांध में पानी की आवक तेज हो गयी है. पिछले 24 घंटों में बांध में लगभग 1.70 फीट पानी की आवक हुई, जिससे बांध का जल स्तर 21 से बढकर 22.70 फीट पहुंच गया है. विभगीय आकड़ों के अनुसार इस बांध की भराव क्षमता 32.80 है और बारिश होने के चलते पानी की आवक अभी भी जारी है.
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आपको बता दें कि बाघेरी नाका बांध राजसमन्द जिले के प्रमुख पेयजल स्त्रोत में से एक है, जिस पर मानसून आने के बाद पानी की आवक को लेकर चर्चाएं होती है. जिसके दो प्रमुख कारण है बाघेरी के पानी से राजसमन्द व नंदसमन्द बांध का जुड़ाव होना व दूसरा बाघेरी के ओवरफ्लो होने के बाद, पर्यटकों के लिए भी यह जगह सौन्दर्य की दृष्टि से खास है. हालांकि पिछले साल कोरोना के कारण पर्यटकों के लिए यहां रोक थी, अब रोक हटने के साथ ही यहां पर पर्यटक वापस आने लगे हैं.
बाघेरी नाका बांध परियोजना के सहायक अभियंता आलोक सक्सेना ने बताते हैं कि बाघेरी नाका के उपरी क्षेत्र में अच्छी बारिश के बाद, 17 जुलाई से कटार की ओर से पानी की आवक जारी है. इस बांध से राजसमन्द व उदयपुर जिले के 300 से अधिक गांवों में वर्षभर पेयजल आपूर्ति होती है. बाघेरी नाका बांध के ओवरफलो होने के बाद बाघेरी का पानी बनास नदी से होता हुआ, नन्दसमन्द बांध में पहुंचता है और नन्दसमन्द बांध के भर जाने पर यहां का अतिरिक्त पानी बनास नदी में होता हुआ, चितौड़ जिले के मातृकुण्डिया बांध में जाता है. नन्दसमन्द बांध के भर जाने पर यहां से खारी फिडर के माध्यम से पानी राजसमन्द झील में पहुंचाया जाता है. राजसमन्द झील से न केलव शहरवासियों को पेयजल उपलब्ध होता है, बल्कि यहां से आस-पास के गांवों में सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध कराया जाता है.
Reporter - Devendra Sharma
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