कलेक्टर डॉ अमित यादव ने अचानक अजीतगढ़ के बाबा नारायण दास राजकीय सामान्य चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया, जिस कारण चिकित्सकों में खलबली मच गई.
Trending Photos
Ajitgarh: सीकर कलेक्टर डॉ अमित यादव ने अचानक अजीतगढ़ के बाबा नारायण दास राजकीय सामान्य चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया, जिस कारण चिकित्सकों में खलबली मच गई. साथ ही, कई चिकित्सकों के कार्य से यादव ने नाराजगी जताई.
जानकारी के अनुसार, सीकर कलेक्टर डॉक्टर अमित यादव ने आज अचानक अजीतगढ़ के बाबा नारायण दास राजकीय सामान्य चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. अचानक आए कलेक्टर के कारण चिकित्सकों में खलबली मच गई. सबसे पहले कलेक्टर ने अस्पताल में प्रवेश करते ही पर्ची काउंटर का निरीक्षण किया और विस्तार से पीएमओ डॉ ओ पी वर्मा इस बारे में जानकारी ली.
इसके बाद यादव इमरजेंसी में जाकर वहां उपस्थित चिकित्सक से पूरी जानकारी ली और कार्यरत चिकित्सक से सवाल किया कि अगर कोई इमरजेंसी मरीज आ जाए और उसके पट्टी या अन्य ट्रीटमेंट करें तो कैसे किया जाए तो इस पर कार्यरत चिकित्सक के हाथ पांव फूल गए और वह इसमें असफल हो गई, जिस पर कार्यरत चिकित्सक ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी दुर्घटना का मरीज आ जाता है तो उसका प्राथमिक उपचार करें संबंधित सर्जन को बुलाया जाता है.
उसके बाद उसका अन्य उपचार किया जाता है. इस पर डॉ यादव ने उपस्थित पीएमओ डॉ ओ पी वर्मा को इस बारे में खरी-खोटी सुनाते हो यह नाराजगी व्यक्त की. इसके बाद डॉ यादव भामाशाह काउंटर पर गए और वहां पीएमओ डॉ ओ पी वर्मा से इस बारे में पूर्ण जानकारी ली और कई निर्देश दिए.
कलेक्टर ने भर्ती मरीज वार्ड में जाकर भर्ती मरीजों से उपचार के बारे में पूरी जानकारी ली और कहा कि क्या अस्पताल में जांच होती है? तो एक मरीज ने कहा की जांच होती है. उसके बाद वहां भर्ती एक महिला मरीज के पास जाकर उसकी पर्ची देखी तो उस पर्ची पर किसी निजी लेबोत्री की सोनोग्राफी प्रिंटिंग होना देखा तो उपचार कर रहे स्त्री रोग विशेषज्ञ को इस बारे में विस्तार से जानकारी ली और नाराजगी व्यक्त करते हुए तहसीलदार लोकेंद्र मीणा को निर्देश दिया कि इस पर्ची की फोटो कॉपी करा कर मुझे दें.
बाद में डॉ अमित यादव जच्चा बच्चा वार्ड में जाकर वहां उपस्थित कर्मचारियों में चिकित्सकों से पूरी जानकारी ली और विशेष निर्देश दिए कि किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए, उसके बाद वापस आते समय कलेक्टर ने आईसीयू वार्ड को देखने की बात कही तो उपस्थित चिकित्सकों के पास उसकी चाबी ही नहीं मिली, जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पीएमओ को इस बारे में विशेष निर्देश दिए.
डॉ यादव करीब 1 घंटे तक अस्पताल के हर क्षेत्र में घूम फिर कर यहां की व्यवस्थाओं को देखी और कई कार्यों के बारे में नाराजगी व्यक्त की. पीएमओ डॉ ओ पी वर्मा को सुधार के निर्देश दिए. इस अवसर पर उपखंड अधिकारी दिलीप सिंह राठौड़, तहसीलदार लोकेंद्र मीणा, अजीतगढ़ नायब तहसीलदार लाल सिंह राठौड़, अजीतगढ़ अस्पताल के पीएमओ ओ पी वर्मा, अजीतगढ़ अस्पताल के डिप्टी कंट्रोलर डॉक्टर एस डी रायपुरिया, नितिन अग्रवाल अजीतगढ़ गिरदावर, गजानंद सामोता समेत कई अधिकारी चिकित्सा कर्मी एवं लोग उपस्थित रहे.
वहीं, जैसे ही कलेक्टर अस्पताल का निरीक्षण कर मुख्य गेट पर आए तो अजीतगढ़ के पूर्व सरपंच बाबूलाल कुमावत और लोगों ने अस्पताल में महिला चिकित्सक की मांग उठाई तो कलेक्टर ने कहा कि इस अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ तो ही है, तो लोगों ने बताया कि स्त्री रोग विशेषज्ञ तो है लेकिन महिला होना जरूरी है. साथ ही, अस्पताल की अन्य समस्याओं के बारे में भी विस्तार से कलेक्टर को जानकारी दी.
इस पर कलेक्टर ने पीएमओ को सुधार के निर्देश दिए. उसके बाद लोगों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि चिकित्सा के बाहर से मरीजों से जांच करवाते हैं और निजी लेब वालों से मिलीभगत कर रखी है जिस पर कलेक्टर ने लोगों से कहा कि इस बार अगर चिकित्सक बाहर की जांच लिखकर पर्ची पर देता है तो उसको सुरक्षित रखकर मेरे पास भेजें कार्रवाई होगी.
साथ ही, ई-मित्र संचालक जेपी जाट समेत कई लोगों ने बताया कि पिछले 20 दिनों से ऑनलाइन जाति मूल प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं, जिस कारण परेशानी हो रही है. इस पर कलेक्टर ने उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार को निर्देशित किया कि इस समस्या को गंभीरता से देखें. साथ ही, कई लोगों ने कहा कि अस्पताल में एयू बैंक द्वारा इमरजेंसी को बढ़ाने के लिए राशि स्वीकृत कर रखी है, लेकिन एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य नहीं हो रहा है.
इस पर कलेक्टर ने समस्या का समाधान करने की बात कही. साथ ही, लोगों ने कहा कि यहां रोडवेज का स्थाई बस स्टैंड है, लेकिन रोडवेज की बसें बस स्टैंड पर न जाकर रोड किनारे होटलों पर रुक कर सवारी लेती हैं, जिस पर कलेक्टर ने समस्या का समाधान करने की बात कही.
साथ ही, अजीतगढ़ सेक्टर की नो आशा सहयोगिनीयो ने कलेक्टर से कहा कि उनको मार्च माह से वेतन नहीं मिल रहा है, जिस कारण उनका परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. इस बारे में हमने कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. इस पर कलेक्टर ने समस्या का समाधान करने की बात कही जिला कलेक्टर करीब 1 घंटे तक के अस्पताल का निरीक्षण किया और करीब आधे घंटे तक लोगों की समस्याएं सुनी.
यह भी पढ़ेंः
पुरुषों के लिए वरदान से कम नहीं है यह दाल, फायदे जान लेंगे तो हर रोज खाएंगे
कश्मीर की कली महरीन ने सजाई शौहर IAS अतहर आमिर के नाम की मेहंदी, जताया प्यार