श्रीगंगानगर: 350 वर्ष पुराने गढ़ का एक हिस्सा गिरा, प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान, जनता में आक्रोश
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श्रीगंगानगर: 350 वर्ष पुराने गढ़ का एक हिस्सा गिरा, प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान, जनता में आक्रोश

श्रीगंगानगर न्यूज: 350 वर्ष पुराने गढ़ का एक हिस्सा गिरा गया. प्रशासन की अनदेखी की वजह से गढ़ का हिस्सा गिरा. इस वजह से जनता में आक्रोश है. गनीमत रही की इस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ.

श्रीगंगानगर: 350 वर्ष पुराने गढ़ का एक हिस्सा गिरा, प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान, जनता में आक्रोश

Anupgarh, Sriganganagar: अनूपगढ़ के बीचों बीच लगभग 350 वर्ष पुराने गढ़ की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि क्षेत्र में रात हुई बरसात के कारण गढ़ का एक हिस्सा धरधरा कर नीचे गिर गया है. गनीमत रही कि गढ़ का हिस्सा अंदर की तरफ गिरा है. अगर यही हिस्सा बाहर की तरफ गिरता तो जान माल का नुकसान हो सकता था.

स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार प्रशासन को गढ़ की जर्जर हालत के बारे में अवगत करवाया गया है. मगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी कई बार स्थानीय लोगों ने अवगत करवाया. मगर हर बार केवल आश्वासन ही मिलता रहा है. प्रशासन के द्वारा गढ़ की ओर ध्यान नहीं दिए जाने पर स्थानीय लोगों में काफी रोष है. वहीं गढ़ का हिस्सा गिर जाने पर अधिशासी अधिकारी संदीप बिश्नोई ने मौके पहुंचकर निरीक्षण किया.

बरसात के कारण गिरा गढ़ का एक हिस्सा

आरटीआई कार्यकर्ता रवि ठाकरानी और समाजसेवी कुशाल चुचरा ने बताया कि रात क्षेत्र में हुई बरसात के कारण गढ़ का यह हिंसा गिर गया है. उन्होंने बताया कि गढ़ का यह हिस्सा अंदर की तरफ गिरा है. अगर यही हिस्सा बाहर की तरफ गिरता तो बाहर जानमाल का काफी नुकसान हो सकता था. आरटीआई कार्यकर्ता रवि ठाकरानी ने बताया कि गढ़ के बाहर की तरफ आबादी क्षेत्र है और गढ़ की दीवारें इतनी ऊंची है कि अगर दीवार गिरती तो गढ़ के सामने बने हुए घर धाराशायी हो जाते.

प्रशासन के प्रति रोष

आरटीआई कार्यकर्ता रवि ठाकरानी ने बताया कि काफी वर्षों से प्रशासन को गढ़ की जर्जर अवस्था के बारे में बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी कई बार जर्जर हालत के बारे में बताया गया मगर प्रशासन और केंद्रीय मंत्री की ओर से गढ़ की हालत को सुधारने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा.

उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर प्रशासन इस गढ़ की ओर ध्यान नहीं देना चाहता तो इसको नष्ट कर दें ताकि कोई बड़ा नुकसान न हो.प्रशासन से रवि ठाकरानी ने अपील की है कि प्रशासन गढ़ की ओर ध्यान दें और राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा करें.

प्रशासन से गढ़ की जर्जर हालत को सुधारने की मांग की

सामाजिक कार्यकर्ता कुशाल चुचरा ने प्रशासन से मांग की है कि यह गढ़ भारत की राष्ट्रीय धरोहर है और इसकी रक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है. सामाजिक कार्यकर्ता ने मांग की है कि गढ़ की सार संभाल करें उसे सुंदर बनाए ताकि अनूपगढ़ के साथ-साथ अन्य स्थानों से भी लोग इस गढ़ को देखने के लिए आए.

उपखण्ड अधिकारी प्रियंका तलानिया ने बताया कि मौके पर अधिकारियों को भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आवश्यकता अनुसार कार्रवाई की जाएगी.अधिशासी अधिकारी संदीप बिश्नोई ने बताया कि गढ़ जर्जर अवस्था में है,आज जो गढ़ में घटना हुई है इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भिजवा दी जाएगी.आगामी कार्रवाई उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार ही की जाएगी.

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