प्रदेश में पानी की कमी के चलते सरकार खेती के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर और फव्वारा संयत्रों पर ज्यादा जोर दे रही है. सरकार ने इन संयंत्रों से करीब साढ़े तीन हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार ने इन संयंत्रों पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी.
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Tonk News: प्रदेश में पानी की कमी के चलते सरकार खेती के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर और फव्वारा संयत्रों पर ज्यादा जोर दे रही है. सरकार ने इन संयंत्रों से करीब साढ़े तीन हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार ने इन संयंत्रों पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी. राज्य में सीमित सिंचाई जल संसाधन के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन की घोषणा करते हुए आगामी 3 सालों में 4 लाख किसानों को 1705.00 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता से सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है.
सहायक निदेशक उद्यान राजेंद्र सामोता ने बताया कि, फसलों में सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई संयत्र जैसे ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर एवं फव्वारा संयंत्रों का उपयोग कर उपलब्ध जल की बूंद का समुचित उपयोग करते हुए जल बचत, फसल उत्पादन लागत में कमी, उत्पादन व उत्पादन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी एवं घुलनशील उर्वरकों का भी समुचित उपयोग के मद्देनजर ड्रिप सिंचाई प्रणाली वर्तमान समय की आवश्यकता है. इसके साथ ऑटोमशन टेक्नोलॉजी के जरिए इस प्रणाली की दक्षता एवं नई तकनीक के समन्वय से नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं.
किससे कितनी हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित
सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत साल 2022-23 में जिले को ड्रिप और मिनी सिंचाई संयंत्र के लिए 891 हेक्टेयर और फव्वारा संयंत्रों के लिए 2542 हेक्टेयर क्षेत्र के लक्ष्य प्राप्त हुआ है. योजना का मुख्य उद्देश्य सिंचाई जल का समुचित एवं दक्षतम उपयोग सुनिश्चित किया जाकर राज्य की वर्तमान सिंचाई दक्षता में प्रभावी वृद्धि किया जाना है. योजना के तहत ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर एवं फव्वारा संयत्रों पर लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला किसानों को 75 प्रतिशत एवं अन्य किसानों के लिए 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए इच्छुक किसान ''राज किसान साथी पोर्टल'' के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
ऑनलाइन आवेदन के समय जनाधार, आधार कार्ड, जमीन की नवीनतम जमाबंदी, सिंचाई जल स्रोत का प्रमाण, पंजीकृत निर्माता या अधिकृत डीलर का कोटेशन, मिट्टी, पानी की जांच रिपोर्ट आदि दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसान नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी और नजदीकी कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के ऑफिस में कॉन्टैक्ट कर विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
Reporter: Purshottam Joshi
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