साल 2019 के आखिर पड़ाव पर है. ऐसे में इस खबर में हम आपको दुनिया की उन बड़ी घटनाओं से रूबरू कराएंगे, जिन्होंने इस साल पूरी दुनिया को ध्यान अपनी ओर खींचा. पूरी दुनिया को प्रभावित किया.
ट्रेड वॉर दुनिया पर असर
अमेरिका और चीन के बीच हुए ट्रेड वॉर का असर भारत समेत पूरी दुनिया पर हुआ. डॉनाल्ड ट्रंप का 2017 का एक डायलॉग काफी फैमस रहा, जो उन्होंने अपने सलाहकारों से कहा था. वह डायलॉग था, 'आई वॉन्ट टैरिफ्स'. अमेरिकी प्रशासन ने उनकी बात मानी और उनके नक्शेकदम पर चल पड़ा. साल 2018 में शुरू हुआ टैरिफ वॉर 2019 में अपने विकराल रूप में आया.
ट्रंप और किम की मुलाकात
साल 2019 में डोनाल्ड ट्रंप का नॉर्थ कोरिया की सीमा में प्रवेश करना और किम के साथ उनकी मुलाकात पर दुनिया की नजरें टिकी थी. दुनिया का एक ऐसा तानाशाह, जिसकी सनक का डर पूरी दुनिया को हो, नाटे कद का ये तानाशाह कभी अपने पड़ोसी मुल्क को धमकाता है तो कभी दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका को उड़ाने की धमकी देता है. उसकी सनक से हर कोई हैरान है, लेकिन 2019 में दुनिया को एक उम्मीद उस वक्त दिखी जब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप कोरिया की धरती पर पहुंचे और इस सनकी तानाशाह से मुलाकात की.
यूरोपिय यूनियन से ब्रिटेन की एग्जिट
2019 का साल यूरोपिय यूनियन की इकॉनोमी के लिए उथल पुथल वाला साल रहा. यूरोपिय यूनियन में 21 देश थे. ये सभी देश मिलकर एक दूसरे की आर्थिक तरक्की में योगदान देते थे, लेकिन अब ब्रिटेन इससे अलग हो गया. यूरोपिय यूनियन से ब्रिटेन के एग्जिट करने को ही ब्रेग्जिट कहते हैं. अपने आप को मजबूती से खड़ा करने की कोशिश में ब्रिटेन फिलहाल लड़खड़ा रहा है, जिस वक्त ब्रिटेन यूरोपिय यूनियन से अलग हो रहा था. तब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरून थे और वो ईयू से अलग होने के पक्ष में नहीं थे. इसके लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह हुआ.
हांगकांग-चीन के संबंध
चीन के लिए साल 2019 बेहद महत्वपूर्ण रहा. एक तरफ वो आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका से लड़ रहा था. नए बाजार की तलाश कर रहा था. वहीं हांगकांग में नए प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ छिड़े विद्रोह ने चीन को मुसीबत में डाल दिया. दूसरे देशों के आंतरिक मुद्दों पर दखल देने वाले चीन के लिए अब मुश्किलें हो रही थी. हांगकांग में विरोध प्रदर्शन अपने चरम पर है. सड़कों पर हो-हल्ला मचा हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने हवाईअड्डे पर भी कब्जा कर लिया था. यहां की सड़कों पर लाखों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. साल 2019 में इस प्रदर्शन ने चीन को सबसे ज्यादा मुसीबत में डाला.
पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक
2019 का साल हिंदुस्तान के लिए भी बेहद अहम था. फरवरी में जब पाकिस्तान ने अपनी नाकाम हरकतों को अंजाम दिया तो हिंदुस्तानी सेना ने पाकिस्तान को घर में घुस कर मारा. ये साल हिंदुस्तान के 44 जवानों की शहादत का साल था. साल हिंदुस्तान के शौर्य का साल था. इस साल 14 फरवरी को हुए हमले के बाद भारतीय जाबांजों ने पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा. 26 फरवरी को सुबह 2 बजे से 4 बजे तक मिराज ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए एयर बेस से उड़ान भरी थी.
अबु बकर अल बगदादी का अंत
2019 का साल दुनिया में आतंक का पर्याय बन चुके अबु बकर अल बगदादी के खात्मे का साल रहा. अबु बकर अल बगदादी दुनिया भर में आतंक के आका के रुप में चर्चित था. अपने विरोधियों की क्रूर तरीकों से हत्या करके इसने पूरी दुनिया में दहशत फैलाई थी. अमेरिकी फौजों को बगदादी की तलाश वर्षों से थी, लेकिन 2019 में आतंक के आका को खत्म कर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब इसका ऐलान किया तो पूरी दुनिया हैरान हो गई थी.
सीरिया पर तुर्की हमला
अक्टूबर में सीरिया पर तुर्की के हमले के बाद पूरी दुनिया में सियासी भूचाल आ गया था. अमेरिका के सीरिया से सेनाएं हटाने और उसके तुरंत बाद तुर्की के सीरिया पर हमले ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया. वहीं तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान की सरकार अपने ही देश में कुर्दों के नरसंहार में जुट गए.
आतंकियों ने दहलाई दुनिया
आतंकी दुनिया के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है, लेकिन पुलवामा में भारतीय सेना पर हमला, न्यूजीलेंड में चर्च पर हुआ हमला और श्रीलंका पर हुए सीरियल धमाकों ने दुनिया को हिला कर रख दिया. हिंदुस्तान ने 13 दिन के भीतर आतंक के आकाओं को घर में घुस कर मारा, लेकिन श्रीलंका और न्यूजीलेंड में हमले दुनिया के लिए चिंता का विषय है.