Udaipur News: उदयपुर के सिटी पैलेस में ऐतिहासिक हाथी युद्ध अभ्यास का जीवंत प्रदर्शन
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Udaipur News: उदयपुर के सिटी पैलेस में ऐतिहासिक हाथी युद्ध अभ्यास का जीवंत प्रदर्शन

Udaipur News: उदयपुर के सिटी पैलेस के हाथी अगड़ में एक अद्वितीय आयोजन हुआ, जहां प्राचीन समय के हाथी युद्ध अभ्यास का दृश्य फिर से जीवंत हो उठा. इस महत्वपूर्ण आयोजन में राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर सांसद मन्ना लाल रावत सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे

Udaipur News: उदयपुर के सिटी पैलेस में ऐतिहासिक हाथी युद्ध अभ्यास का जीवंत प्रदर्शन

Udaipur News: उदयपुर के सिटी पैलेस के हाथी अगड़ में एक अद्वितीय आयोजन हुआ, जहां प्राचीन समय के हाथी युद्ध अभ्यास का दृश्य फिर से जीवंत हो उठा. इस अवसर पर फाइबर से बने दो नवनिर्मित हाथियों की प्रतिमाओं का अनावरण पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने किया.  इस महत्वपूर्ण आयोजन में राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर सांसद मन्ना लाल रावत सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे. यह आयोजन उदयपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय प्रयास है.

सिटी पैलेस के माणक चौक में आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान मेवाड़ पूर्व राज परिवार के सदस्य लक्ष्य राज सिंह मेवाड ने अतिथियों का मेवाड़ी परंपरा के अनुसार स्वागत किया. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास में महाराणा प्रताप के हाथी राम प्रसाद की वीरता और स्वामी भक्ति का भी जिक्र है. जब विदेशी आक्रांता हाथी रामप्रसाद को बंदी बनाकर ले गए तो हाथी रामप्रसाद ने अन्न-जल त्याग कर अपने प्राण न्योछावर कर दिए. 

क्योंकि उसे भी पराधीनता स्वीकार नहीं थी. ऐसा गौरवशाली इतिहास सिर्फ मेवाड़ का ही है जहां स्वाधीनता की लड़ाई में बेजुबान हाथियों ने भी अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मेवाड़ के सैन्य इतिहास में हाथियों की बड़ी भूमिका रही है. सिटी पैलेस के हाथी अगड़ में हाथियों को युद्ध अभ्यास कराने की प्राचीन परंपरा रही है. इस युद्ध अभ्यास के जरिए हाथियों को युद्ध कौशल और सवारी में पारंगत किया जाता था. 

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महाराणा संग्राम सिंह वर्ष 1710 से 1734 के बीच ने हाथियों के विश्राम के हाथी बैठक और हाथी ठाण का निर्माण करवाया था. इस ऐतिहासिक विरासत से भावी पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट ने फाइबर के दो हाथियों का उसी प्राचीन शैली में निर्माण करवाया है.

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