Pratapgarh: हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 साल पुराने वृद्धाश्रम पर चला JCB का पंजा
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Pratapgarh: हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 साल पुराने वृद्धाश्रम पर चला JCB का पंजा

कुलमीपुरा गांव में 2005 में रामानंद महाराज यानी कि फल्हारी महाराज ने जन सहयोग और विधायक और सांसद मत से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से वृद्ध आश्रम का निर्माण करवाया था.

जिला प्रशासन की और से निगरानी के दौरान वृद्ध आश्रम में कुल 6 लोग मौजूद थे.

Pratapgarh: जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित धमोतर थाना क्षेत्र के कुलमीपुरा गांव (Kulmipura Village) में करीब 16 साल पुराने बने वृद्ध आश्रम पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को जेसीबी चलवा कर जमीनदोस कर दिया गया. यह करीब डेढ़ करोड़ की लागत में बना था.

हाई कोर्ट जोधपुर के समक्ष विचाराधीन प्रकरण संख्या डीपी सिविल रिट संख्या 9624/ 2020 वीरेंद्र सिंह बनाम सरकार और अन्य पारित आदेश दिनांक 7-1-2020, 7-7-2021, 5-8- 2021, 10-8-2021 की पालना के क्रम में राजस्व ग्राम कुलमीपुरा में पूरा की आराजी संख्या 647 रकबा 4.18 हेक्टर, किस्म तालाब भूमि में से 0.24 हेक्टर भूमि पर निर्मित अवैध सामुदायिक भवन एवं वृद्ध आश्रम के अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को इसे ध्वस्त करने के लिए 5 अगस्त 2021 को 4 माह का समय दिया था. 

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इन चार माह को पूरा होने के 1 दिन पहले शनिवार को जिला प्रशासन ने चार जेसीबी की मदद से विवादों के ढांचे में खड़े वृद्ध आश्रम को ध्वस्त कर दिया. राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 91 (3) व (6) के तहत की गई, जिसमें सभी निवासरत वृद्धजनों को अन्यत्र जगह स्थानांतरित किया गया. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर और एएसपी सहित जिला प्रशासन, एसटीएफ कोटा की बटालियन, आरएसी उदयपुर की बटालियन और महाराणा प्रताप बटालियन के करीब 400 जवान भी मौजूद रहे. अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई के दौरान जिले के सभी एसएचएसबी धमोतर थाना के कुलमीपुरा गांव में मौजूद रहे. हांलाकि कार्यवाही के बाद कलेक्टर ने भी मौके पर पहुंच निरीक्षण किया.

2005 में बनाया था वृद्ध आश्रम
कुलमीपुरा गांव में 2005 में रामानंद महाराज यानी कि फल्हारी महाराज ने जन सहयोग और विधायक और सांसद मत से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से वृद्ध आश्रम का निर्माण करवाया था. इसी वृद्ध आश्रम के पास धमोतर राजघराने के पूर्वजों की छतरिया भी बनी हुई हैं, इसके साथ ही पास में तालाब होने के कारण तालाब की भराव क्षमता को लेकर राजस्थान सरकार और कोर्ट ने यहां वृद्ध आश्रम बनाने से इंकार कर रखा था, लेकिन जन भावनाओं के चलते यहां पर वृद्ध आश्रम का निर्माण कर दिया गया. वृद्ध आश्रम में करीब 22 कमरे बने हुए थे.

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वृद्ध आश्रम में थे कुल 6 वृद्ध
हाईकोट के आदेश के बाद जिला प्रशासन की और से निगरानी के दौरान वृद्ध आश्रम में कुल 6 लोग मौजूद थे, जिसमें से 5 लोग अपने घर और अन्य जगहों पर चले गए. कार्रवाई के दौरान आश्रम में एक वृद्ध महिला और थी, जिसने अपना नाम लालावती बाई सोनी बताया. अधिकारियों के अनुसार सोनी समाज से बात कर बुजुर्ग महिला की रहने खाने की व्यवस्था करवाई जाएगी, नहीं तो इन्हें उदयपुर वृद्ध आश्रम भेजा जाएगा.

आशियाना टूटने पर वृद्ध ने भगवान् कृष्ण का उपदेश  
कुलमीपुरा गांव में वृद्धा आश्रम हटाने की कार्रवाई के दौरान आश्रम में लगी भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन की तस्वीर नजर आई, जिससें भगवान श्रीकृष्ण के एक उपदेशों को अपने जीवन में अपनाने का सार दिखाई दिया. गीता सार के आश्रम में रह रहे बुजुर्गों के लिए एक उपदेश नजर आया, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो हुआ, वह अच्छा हुआ,  जो हो रहा है, वह भी अच्छा ही हो रहा है, और जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा. तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया, यहीं पर दिया. आज जो कुछ आप का है,पहले किसी और का था और भविष्य में किसी और का हो जाएगा परिवर्तन ही संसार का नियम है.

Reporter- Vivek Upadhyay 

 

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