Rajasthan Politics : ये बात किसी से छुपी नहीं है कि कटारिया ( Gulab Chand Kataria)के बाद उदयपुर(Udaipur) बीजेपी (BJP)में कोई ऐसा चेहरा दिखाई नहीं देता जो जयपुर से लेकर दिल्ली तक अपनी राजनीतिक जमीन(Rajasthan Politics) हकूक के साथ रखता हो. जाहिर है क्रिकेट (Cricket)की राजनीति में सक्रिय लक्ष्यराज सिंह(Lakshya Raj Singh Mewar) के लिये सियासी पिच तैयार है और बैटिंग ऑर्डर में उनका नंबर भी लग जाए और वो मैदान में उतरने के लिए वो तैयार भी हो जाएं तो उनका इस्तकबाल करने में उनके चाहने वाले कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगें.
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Lakshya Raj Singh Mewar News : पालिटिक्स में लक्ष्य राज सिंह की एंट्री की चर्चा जोरों पर है. खुद लक्ष्य राज सिंह भी इस बात से कभी इनकार करते नहीं दिखे हैं. हालांकि उन्होंने टाइमिंग को लेकर कुछ कहने को जल्दबाजी कहा था. लेकिन अब गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बन जाने के बाद लक्ष्य राज सिंह, मेवाड़ में बीजेपी का चेहरा बन सकते हैं. सीटों के गणित से समझें तो उदयपुर शहरी सीट पर कटारिया का दबदबा रहा है, बाकि की सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.
गुलाब चंद कटारिया के बाद इलाके से राजनीति में नाम कमाने वाली किरण माहेश्वरी नैसर्गिक रूप से मेवाड़ बीजेपी का चेहरा हो सकतीं थी लेकिन कोरोना के कारण उनका असामयिक निधन हो गया. ऐसे में बीजेपी के लिए मेवाड़ की सियासत में लक्ष्य राज सिंह एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. पूर्व राज परिवार से आने वाले लक्ष्य राज सिंह पॉपुलर भी हैं और उदयपुर में सामाजिक रूप से एक्टिव भी. यही कारण है कि राजनीतिक दलों की नजर लक्ष्य राज सिंह पर हो सकती है. वहीं उदयपुर बीजेपी में कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद जो वेक्यूम क्रिएट हुआ है वो लक्ष्यराज भर सकते हैं और लंबी राजनीतिक पारी भी खेल सकते हैं.
यह बात किसी से छुपी नहीं है कि कटारिया के बाद उदयपुर बीजेपी में कोई ऐसा चेहरा दिखाई नहीं देता जो जयपुर से लेकर दिल्ली तक अपनी राजनीतिक जमीन हकूक के साथ रखता हो. जाहिर है क्रिकेट की राजनीति में सक्रिय लक्ष्यराज सिंह के लिये सियासी पिच तैयार है और बैटिंग ऑर्डर में उनका नंबर भी लग जाए और वो मैदान में उतरने के लिए वो तैयार भी हो जाएं तो उनका इस्तकबाल करने में उनके चाहने वाले कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगें.
वहीं लक्ष्यराज सिंह की यूएसपी उनका युवाओं के बीच प्रभाव है. सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले लक्ष्यराज युवाओं के तो प्रिय हैं ही साथ ही पूर्व राजपरिवार से होने के कारण पारंवपरिक वोट बैंक भी उनके स्वागत में चार चांद लगा सकता है. यह बात दिगर है कि राजस्थान में राजनीति में उतरे राजपरिवारों के अनुभव खट्टे मीठे रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि अगर लक्ष्यराज राजनीति में आने का फैसला लेते हैं तो फिर उनका तजुर्बा कैसा रहता है.
लक्ष्य राज सिंह उन लोगों में से हैं जिनका मानना है कि जब तक हम खुद करेंगे नहीं तब तक हम सीखेंगे नहीं, आस्ट्रेलिया में वेटर का काम तक करने वाले राजपरिवार के लक्ष्य राज सिंह की जिंदगी जीने का नजरिया बिल्कुल अलग है.
आपको याद दिला दें कि ज्योतिषाचार्य बेजान दारूवाला ने भविष्यवाणी की थी लक्ष्य राज सिंह राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे. इस पर पूछने पर लक्ष्य राज सिंह ने कहा था कि कुछ चीजों का जवाब सिर्फ समय देता है. मैं भविष्यवाणी करने योग्य नहीं हूं.
28 जनवरी 1985 को मेवाड़ राजघराने में जन्मे लक्ष्यराज सिंह की शादी ओडिशा के बालांगीर के पूर्व रियासत परिवार की निवृत्ति कुमारी देव से हुई है. 21 जनवरी 2014 को निवृत्ति कुमारी ने उदयपुर शाही सिटी पैलेस में नई बहू बनी थी.
लक्ष्यराज सिंह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते है, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लक्ष्यराज को 20 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. वो कविताएं लिखते हैं, एडवेंचर करते हैं, छोटे ढाबों पर चाय की चुस्की लेते हैं, समय मिलने पर परिवार और स्टाफ के लिए खाना भी बनाते हैं.