जैसलमेर (Jaislmer) का सम गांव वैसे तो पूरी दुनिया में विख्यात है. अपनी खुबसुरती के लिए जाना जाता है. पर कहते हैं न दिया तले अंधेरा. कुछ यही हालात है इस गांव के. विश्वविख्यात सम गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पिछले कई दशकों से पीने के पानी का संकट बना हुआ है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ही नहीं, बल्कि शिक्षक भी पीने के पानी की समस्या से परेशान हैं. ऐसे में सीनियर स्कूल में पानी बच्चे और शिक्षक मिलकर खुली कुएं से सींचकर पीना पड़ता है. बच्चे स्कूल आने के बाद अपने शिक्षक के साथ कुएं पर जाते है पानी का कैम्पर भरकर लाते हैं. ताकि बच्चों को पीने का पानी मिल सके. बच्चे खुद कैम्पर लेकर आते हैं.