Rajasthan News: बेटियों को भी बेटों के समान समझा जाने लगा हैं. जो देश व समाज के लिए अभिनव पहल हैं. ऐसा ही बेटा बेटी समानता का सन्देश वाल्मीकि परिवार ने देने का प्रयास किया है. जिसमें बेटी रेखा को घोड़ी पर बैठाकर गाजे बाजे के साथ बिंदोरी निकाली गई. किशनगढ़बास नगरपालिका के क्षेत्र में किले मोहल्ले स्थित एक वाल्मीकि परिवार ने रुढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए बेटी की शादी की रस्मों को वैसे ही निभाया, जैसे बेटों की निभाई जाती है.