नई दिल्ली: रिलायंस कम्युनिकेशन के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार एरिक्सन कंपनी को ब्याज सहित 550 करोड़ की रकम चुका दी गई है. वहीं, एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये की बकाया देनदारी का भुगतान करने के बाद कर्ज के बोझ से दबे रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने बड़े भाई मुकेश अंबानी और भाभी नीता अंबानी को धन्यवाद दिया.


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दरअसल, अनिल अंबानी ने बताया कि इस देनदारी का भुगतान उनके बड़ा भाई मुकेश अंबानी ने किया है. अनिल की रिलायंस कम्युनिकेशंस ने स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन के 458.77 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. 


बड़े भाई और भाभी का जताया आभार 
अनिल अंबानी ने कहा कि मेरे मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहने के लिए बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता को धन्यवाद कहता हूं. इस संकट की घड़ी में मदद करके उन्होंने यह दिखाया कि अपने पारिवारिक मूल्यों के प्रति सच्चाई के साथ खड़े रहना कितना जरूरी है. मैं और मेरा परिवार खुश हैं कि हम पुरानी बातों से आगे निकल आए हैं और बड़े भाई के इस कदम के आभारी हैं. 


19 मार्च यानी कल को खत्म हो रही थी समयसीमा
एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई समयसीमा समाप्त होने से कुछ दिन पहले राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCALT) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 259 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया. एनसीएलएटी ने कहा कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. कंपनी इस राशि के जरिये एरिक्सन को भुगतान करना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम समूह को एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये 4 सप्ताह में 19 मार्च तक चुकाने को कहा था.


कर्ज चुकाने में विफल रहने पर अनिल अंबानी जा सकते थे जेल
शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि समूह ऐसा करने में विफल रहता है तो अनिल अंबानी को जेल जाना पड़ेगा. एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और सदस्य (न्यायिक) न्यायमूर्ति बंसी लाल भट्ट की पीठ ने कहा था, 'दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता की धारा 61 के तहत दायर अपील में किसी भी पक्ष को निपटान के बारे में निर्देश नहीं दिया जा सकता. विशेष रूप से तीसरे पक्ष को ऐसा करने को नहीं कहा जा सकता जिससे अन्य पक्षों के बीच निपटान हो सके.'


एनसीएलएटी ने नहीं जारी किए थे 259.22 करोड़ रुपये
पीठ ने कहा था कि इस बारे में मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. एनसीएलएटी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई आदेश पारित किए जाने तक 30 मई, 2018 के अंतरिम आदेश को हटा नहीं रहा है और न ही किसी राशि को वापस करने के बारे में कोई अंतरिम आदेश जारी कर रहा है. रिलायंस कम्युनिकेशंस ने एनसीएलटी के समक्ष अपील दायर कर एसबीआई को आयकर रिफंड की 259.22 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया था.