नई दिल्ली: रूस ने के विदेश मंत्री Sergey Lavrov के बाद अब उसके राजनयिकों ने Quad की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए हैं. दिल्ली के रूसी दूतावास में तैनात रूस के राजनयिकों ने कहा कि वे  'इंडो पैसिफिक' पर भारत की राष्ट्रीय अवधारणा को समझते हैं. लेकिन समावेश की कमी के कारण Quad को वह 'हानिकारक' के रूप में देखता है. 


रूस ने यूरेशियन साझेदारी की अवधारणा पेश की


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रूस के राजदूत Nikolay R. Kudashev ने कहा,'जहां तक हिंद महासागर के बारे में भारतीय अवधारणा की बात है. रूस पीएम मोदी के विजन को समझता है.' राजदूत ने कहा कि हम इससे भी बड़ी एक यूरेशियन साझेदारी की अवधारणा की पेशकश करते हैं. इसमें रूसी, चीनी और भारतीय तीनों अवधारणाओं को एक साथ लाया जाना चाहिए.'


Quad को चीन विरोधी बता चुका है रूस


बता दें कि हाल ही में Russian International Affairs Council की आम बैठक में रूसी विदेश मंत्री Sergey Lavrov ने भी इंडो पैसिफिक अवधारणा और Quad को चीन विरोधी करार दिया था. चीन इन दोनों अवधारणाओं को अपने लिए खतरे के रूप में देखता है. वहीं रूस इसे वाशिंगटन और पश्चिम द्वारा समर्थित एक प्रयास बताकर इसे बढ़ावा देने के लिए उत्सुक नहीं है. 


Quad गैर-समावेशी है- रूस 


रूस के भारत में तैनात उप-राजदूत Roman N. Babushkin ने कहा कि, 'इंडो पैसिफिक के लिए भारतीय राष्ट्रीय अवधारणा को समझने और मान्यता देने से पहले ये मत भूलिए कि अभी इसके लिए कोई एकीकृत विजन तैयार नहीं हुआ है. हम बहुत सारे ऐसे देशों को जानते हैं जो अपने विजन के हिसाब से इंडो पैसिफिक विजन को प्रमोट करते हैं. उन्होंने कहा कि Quad गैर-समावेशी है और यह दूसरे क्षेत्रीय सहयोग संगठनों ASEAN centrality और ASEAN unity को खतरे में डालता है.'


'भारत और चीन के बीच दोस्ती को बढ़ावा'


भारत और चीन के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर रूसी दूत ने कहा, 'भारत और चीन दोनों के लिए एक दोस्त के रूप में हम दिल्ली और बीजिंग के बीच उन्नत बातचीत का स्वागत करेंगे और यह संबंधों में प्रगति तक पहुंचने व क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की कुंजी है.'


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'S400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर कहना जल्दबाजी'


Roman N. Babushkin ने S400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम लेने पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में कहा कि फिलहाल इस बारे में कोई भविष्यवाणी करना मुश्किल है. पहले Biden प्रशासन को सार्वजनिक रूप से अपने रुख की घोषणा करने दें. लेकिन इतना तय है कि हम एकतरफा प्रतिबंधों को मान्यता नहीं देंगे. बता दें कि रूस से S400 प्रणाली खरीदने पर अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. वहीं भारत को भी यह सिस्टम जल्द मिलने वाला है. ऐसे में तुर्की की तरह भारत पर भी अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका है. 


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