नई दिल्ली: 26 जनवरी पर हुई हिंसा के बाद अब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) लाल क़िले (Red Fort) की सुरक्षा में कोई चूक बरतना नहीं चाहती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद अब सुरक्षा का चक्र पहले से ज्यादा बड़ा होगा. 26 जनवरी पर किसानों ने जिस गेट से लाल क़िले में प्रवेश किया था, इस बार उस रास्ते को पहली बार कंटेनर से ब्लॉक कर दिया गया है. अब ये कंटेनर सुरक्षा में भी काम आएंगे तो दूसरी तरफ ये 'राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम' की थीम को भी दर्शाएंगे.


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बता दें कि एक तरफ जहां भारत की तकनीकी ताकत को पेंटिंग के जरिए दर्शाया जाएगा. वहीं महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस की पेंटिंग भी बनाई जा रही है. इन पेंटिंग को इस तरह बनाया गया है कि जब देश के प्रधानमंत्री भाषण देंगे तो इस पेंटिंग को वो फ्रंट से देख पाएंगे.


कैसा होगा सुरक्षा का अभेद चक्र?


लाल क़िले की सुरक्षा (Security Of Red Fort) की जिम्मेदरी NSG, SPG, पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के हाथ में होगी. करीब 40 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी उस दिन सुरक्षा में तैनात होंगे. लाल क़िले के आस-पास इस बार पहले के मुकाबले एंटी ड्रोन सिस्टम की संख्या को बढ़ाकर 9 किया गया है.


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एनएसजी (NSG) कमांडों को लाल क़िले के आस-पास 30 प्वाइंट पर तैनात किया जाएगा. 15 लोकेशन पर NSG के स्नाइपर्स को भी तैनात किया जाएगा. वे अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे. लाल क़िले के पास 5 एयर डिफेंस गन को भी तैनात किया जाएगा. लाल क़िले के 9 किलोमीटर तक के दायरे में आने वाली सड़कों पर पैनी नजर होगी.


पतंग उड़ाने पर रहेगी पाबंदी


लाल क़िले के आस-पास पुरानी दिल्ली का इलाका है. जहां बेहद संकरा इलाका है. इन संकरे इलाकों में घरों और बड़ी इमारतों की छतों पर करीब 350 रूफटॉप बनाए गए हैं. जहां दिल्ली पुलिस का स्टाफ तैनात रहेगा. इनके साथ ही वो पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगे, जिनके हाथों में लाल और सफेद दो रंग के झंडे होंगे. लाल झंडे का इस्तेमाल वो खतरे का अंदेशा होने पर उसको लहराकर खतरे का अलर्ट देने के लिए करेंगे. वहीं सफेद झंडे का मतलब है कि सब ठीक है.


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15 अगस्त आजादी का पर्व होने की वजह से दिल्ली में पतंग उड़ाने की पुरानी परंपरा है. जब तक स्वतंत्रता दिवस प्रोग्राम चलेगा तब तक पतंग उड़ाने पर सख्त पाबंदी है. अगर कोई पतंग आसमान में नजर आती है तो उसके लिए 'काइट केचर' तैनात रहेंगे. जिससे आसमान में उड़ने वाली पतंग को नीचे लाया जा सकता है और उस पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.


दिल्ली पुलिस बड़े स्तर पर किरायदारों का वेरिफिकेशन भी करवा रही है ताकि अगर कोई नापाक इरादों के साथ रह रहा है तो उसे पकड़ा जा सके.


कोविड प्रोटोकॉल के साथ होगा प्रोग्राम


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, करीब 1,500 निमंत्रण भेजे गए हैं. सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर प्रोग्राम शुरू हो जाएगा. प्रोग्राम में आने वाले सभी लोगों को कोविड नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है. इस प्रोग्राम में टोक्यो ओलंपिक के खिलाड़ियों को भी न्योता दिया गया है. 13 जनवरी को फुल ड्रेस रिहर्सल होगा. जिसमें डमी के तौर पर वीआईपी रूट लगेगा.


देश की राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त को जमीन से लेकर आसमान तक ऐसी अभेद सुरक्षा होगी, जिसे भेद पाना किसी के लिए भी नामुकिन होगा. इस बार लाल क़िले के आस-पास एंटी ड्रोन सिस्टम, एयर डिफेंस गन, काइट कैचर्स, स्नाइपर्स और NSG कमांडो के हाथों में सुरक्षा होगी.


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