हाथरस गैंगरेप पर शिवसेना ने साधा योगी सरकार पर निशाना, 'सामना' में लिखी ये बड़ी बात
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हाथरस गैंगरेप पर शिवसेना ने साधा योगी सरकार पर निशाना, 'सामना' में लिखी ये बड़ी बात

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) की घटना को लेकर  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) की सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. आईए जानते हैं कि सामना में क्या लिखा गया है-

उत्तर प्रदेश में जंगलराज
सामना में लिखा गया है, 'अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हुआ. लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘रामराज्य’ नहीं, बल्कि कानून और सुव्यवस्था के मामले में ‘जंगलराज’ है.'

बलात्कार की घटनाएं योगी सरकार में बढ़ीं
सामना लिखता है कि महिलाओं पर अत्याचार शुरू है.लड़कियों से बलात्कार और उनका खून करने की घटनाएं योगी के राज्य में बढ़ी हैं. हाथरस में 11 वर्षीय युवती का बलात्कार करके उसका खून कर दिया गया. उसके बाद देश में खलबली मच गई. मरते समय उसने बलात्कार की बात कही. अब उत्तर प्रदेश की सरकार कहती है कि बलात्कार आदि की सब बातें झूठी हैं. इसके बाद बलरामपुर में भी सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया. लेकिन न दिल्ली की आंख रोई और न ही योगी सरकार की आंखें नम हुईं. 

राहुल गांधी से बदसलूकी
सामना में लिखा गया है कि बलात्कार हुआ ही नहीं तो रात के अंधेरे में उस युवती की लाश को पुलिसवालों ने पेट्रोल डालकर क्यों जला डाला? पीड़ित लड़की के परिजनों से मिलने जा रहे राहुल गांधी को तो रोका ही गया, साथ ही उनका कॉलर पकड़कर उनसे धक्का-मुक्की करके जमीन पर गिरा दिया गया.

हिन्दू संस्कृति का अपमान
मुखपत्र में लिखा गया है, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संन्यासी हैं. वह भगवा कपड़ा पहनकर घूमते हैं. बलात्कार हुई अबला की लाश पुलिस पेट्रोल डालकर जला रही है. यह नराधमी कृत्य हिंदुत्व की किस परंपरा के अंतर्गत आता है? लाश का अपमान मत करो. लाश का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होने का अधिकार है. लेकिन किसी भी परंपरा में पेट्रोल डालकर लाश जलाई जा रही होगी तो यह उस महिला शरीर और उस देश की हिंदू संस्कृति का अपमान है.'

हिंदुत्व का शंखनाद ठंडा
अयोध्या की सीता मैया भी आज भय और वेदना से भूमि में छुप गई होंगी. महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की भीड़ ने हत्या कर दी. तब पीड़ा से तड़पने वाले योगी का बयान हमने सुना है. पूरी भाजपा तब हिंदुत्व के नाम से शंख फूंक रही थी, तो फिर हाथरस व बलरामपुर प्रकरण में हिंदुत्व का शंखनाद ठंडा क्यों पड़ गया? 

बीजेपी पर निशाना
सामना लिखता है कि मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या या खून, इस पर भाजपा प्रवक्ताओं ने चैनल पर खूब चर्चा की. लेकिन हाथरस में एक कन्या से बलात्कार हुआ ही नहीं, इसके लिए सब लोग अपना वाक कौशल दिखा रहे हैं. यह संतापजनक है. उस लड़की ने कैमरे के सामने बताया कि बलात्कार हुआ है. मृत्यु पूर्व दिए गए उस बयान का कोई मतलब नहीं है क्या? उस लड़की की इज्जत की रक्षा नहीं की जा सकी और उसकी जान भी नहीं बचाई जा सकी.

कंगना का नाम न लेकर कर्कश मीडिया पर निशाना
सामना ने लिखा, 'मुंबई में एक अभिनेत्री के अवैध निर्माण को कानूनन तोड़ने पर कर्कश मीडिया के एंकर्स भी आज मुंह बंद करके बैठे हैं. देश इतना निर्जीव और हतबल कभी नहीं हुआ था. चार सौ-पांच सौ साल पहले की बाबरी गिराने पर जल उठने वाला यह देश, एक लड़की के शरीर का अपमान होने पर भी ठंडा पड़ गया होगा तो इस देश ने अपना अस्तित्व गंवा दिया है. समाज नपुंसक बन गया है और मतदाता गुलाम हो गए हैं.'

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