संपादकीय में शिवसेना की ओर से लिखा गया कि महाराष्ट्र सरकार भी चाहती है कि धार्मिक स्थल और जिम खुल जाएं क्योंकि इससे कई लोगों की रोजी रोटी भी जुड़ी होती है. लेकिन कोरोना के चलते मजबूरी है और सरकार को इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है.
Trending Photos
मुंबई: शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र सामना (Samna) के संपादकीय में आज धार्मिक स्थलों के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सही ठहराने की कोशिश की गई. अपने संपादकीय में शिवसेना की ओर से लिखा गया कि महाराष्ट्र सरकार भी चाहती है कि धार्मिक स्थल और जिम खुल जाएं क्योंकि इससे कई लोगों की रोजी रोटी भी जुड़ी होती है. लेकिन कोरोना के चलते मजबूरी है और सरकार को इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है.
ये था मामला
हाल ही में देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने पर्यूषण पर्व के दौरान 3 जैन मंदिरों को खोलने की अनुमति दी थी. वहीं इसी आदेश के साथ महाराष्ट्र सरकार को फटकार भी लगाई थी कि जब बाकी आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं तो कोरोना का डर नहीं है लेकिन धार्मिक स्थलों को खोलते वक्त कोरोना क्यों याद आता है. इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन को कहा कि वो अंडरटेकिंग दें कि कोरोना को लेकर SoP और सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा.
शिवसेना की सफाई
मुंबई में पर्यूषण पर्व के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दादर, बाइकूला और चेंबूर स्थित 3 जैन मंदिरों को 22 और 23 अगस्त को खोलने की सशर्त इजाजत दी थी. इसी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की किरकिरी होने के बाद शिवसेना ने अपनी अघाड़ी सरकार के फैसले का बचाव किया है.
ये भी पढ़ें- फिल्म को लेकर विवादों में घिरा Netflix, ट्वीट कर मांगनी पड़ी माफी
कोर्ट में सरकार का पक्ष
महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ' मैं राज्य के हित के लिए लड़ रहा हूं'. उन्होने धरातल पर मौजूद हाल बयान करने के लिए महाराष्ट्र के कोरोना आंकड़ों का हवाला दिया था. उन्होंने ये भी कहा था कि वह खुद भी जैन हैं लेकिन राज्य के हित को देखते हुए विरोध कर रहे हैं, इसलिए यह मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया जाए.
VIDEO