गुवाहाटी: असम सरकार के वनमंत्री परिमल शुक्ल बैद्य ने असम के 5 राष्ट्रीय अभ्यारण्यों और 18 वन्य जीवन अभ्यारण्यों में गैंडों के अवैध शिकार पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है.  गुवाहाटी में 9वीं असम बटालियन के परिसर में आयोजित स्पेशल राइनो प्रोटेक्शन फोर्स की 43 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी कर उत्तीर्ण हुए 82 युवाओं नियुक्ति पत्र दिया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस मौके पर वन मंत्री ने नेशनल टाइगर कन्ज़र्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से प्रशिक्षित प्राप्त युवाओं से कहा, 'आप सबकी बहादुरी की अग्निपरीक्षा तब होगी जब आप सब असम के काज़ीरंगा नेशनल पार्क और दूसरे अभ्यारण्यों में एक सींग के गैंडों के अवैध शिकार को पूरी तरह से रोकने में कामयाबी हासिल करेंगे.' मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य ने साथ ही चिंता जताई की एक सींग के गैंडों के अवैध शिकार में कमी जरूर आयी है पर एकदम रोक अभी तक नहीं लग पाई है. असम में देशी और विदेशी सैलानी धरती पर एकमात्र असम में पाया जाना वाले एक सींग के गैंडों को देखने के लिए आते हैं.


वन मंत्री ने जोर डालते हुए कहा, काज़ीरंगा में आये टूरिस्टों के जरिए सरकार को राजस्व और स्थानीय हज़ारों लोगों को रोजगार मिलता है. ऐसी परिस्थिति में स्पेशल राइनो प्रोटेक्शन फोर्स की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह काज़ीरंगा में एक सींग के गैंडों की सुरक्षा में मुस्तैद रहें. उल्लेखनीय है कि असम में फिलहाल वन्य मंत्रालय के रिकॉर्ड अनुसार 2654 एक सींग गैंडों की तादाद है.


बता दें की एनटीसीए (नेशनल टाइगर कन्ज़र्वेशन अथॉरिटी) भारत में बाघ बचाने की मुहि‍म के लिए दिसम्बर 2005 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिसर्वेस के लिए गठित की गई थी, जिसकी कोशिशों के बाद आज भारत में बाघों की संख्या में 2226 तक इज़ाफ़ा हो गया है. अब एनटीसीए की सेवाएं असम और भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में असम में राइनो पोचिंग रोकने के लिए स्पेशल राइनो प्रोटेक्शन फोर्स की ट्रेनिंग की जिम्मेदारी भी दी गई है. एनटीसीए से कड़ी ट्रेनिंग प्राप्त कर सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने वाले असम के स्पेशल राइनो प्रोटेक्शन फोर्स के 82 जवानों में 8 महिलाएं भी शामिल हैं.