नई दिल्‍ली : वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने 29 मई को चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का कार्यभार संभाल लिया है. उन्हें नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा ने चेयरमैन का बैटन दिया. एडमिरल लांबा 31 मई को चार दशक की सैनिक सेवा के बाद रिटायर हो रहे हैं. एयर चीफ मार्शल धनोआ ये जिम्मेदारी अपने रिटायर होने तक संभालेंगे.


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एयर चीफ मार्शल धनोआ ने नेशनल डिफेंस एकेदमी से ट्रेनिंग ली है और वो जून 1978 में वायुसेना में फ्लाइंग ब्रांच में कमीशंड हुए थे. उनके पास 3000 घंटे से ज्यादा का उड़ान का अनुभव है और वो मिग-21 के सबसे माहिर पायलटों में से एक हैं.


1999 में कारगिल युद्ध के दौरान एयर चीफ मार्शल धनोआ ने मिग-21 की गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को कमान किया था. उनकी स्क्वाड्रन ने कारगिल, द्रास और बटालिक की पहाड़ियों में मजबूत बंकरों में छिपे पाकिस्तानी घुसपैठियों पर जबरदस्त बमबारी कर उनकी कमर तोड़ दी थी. उनकी स्क्वाड्रन के लीडर अजय आहुजा को इसी युद्ध में वीरगति मिली थी और उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.


 



कारगिल के युद्ध के बाद तीनों सेनाओं के बीच अच्छे तालमेल के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के बारे में विचार-विमर्श हुआ. कुछ बड़े देशों की सेनाओं में सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों ही एक सुपर बॉस के नीचे काम करती हैं. लेकिन ये फैसला अब तक नहीं हो पाया है.


इसके बजाए तीनों सेनाओं के अध्यक्षों की एक कमेटी बनाकर तीनों में सबसे सीनियर को उसका अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया और उसे चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का नाम दिया गया. लेकिन इस पद के साथ कोई पावर जुड़ी हुई नहीं है इसलिए ये मुख्यरूप से केवल एक औपचारिक पद है. हालांकि अब चेयरमैन के पद को स्थाई बनाकर कम से कम दो साल के लिए एक सेनाप्रमुख की नियुक्ति पर सहमति बन रही है. एयर चीफ मार्शल धनोआ के सितंबर में रिटायर होने की संभावना है, उनके बाद सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ये पद संभालेंगे.