चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह के तबादले वाले चुनाव आयोग के आदेश को ‘पक्षपातपूर्ण’ बताते हुए मंगलवार को तय किया कि वह निर्णय की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग का रुख करेंगे.  प्रताप सिंह 2015 के बेअदबी मामले की जांच कर रहे थे.


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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी को उनके प्रभार से मुक्त करने के चुनाव आयोग के आदेश को पुलिस गोलीबारी मामलों की 'जांच में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप' बताया.  उन्होंने कहा कि वह आयोग से 'न्याय और संवैधानिक औचित्य के हित में' अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहेंगे.


वहीं आम आदमी पार्टी (आप) नीत विपक्षी पार्टियों ने भी चुनाव आयोग के इस फैसले की कड़ी निंदा की जबकि शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने यह दावा करते हुए इस कदम का बचाव किया कि आयोग ने पाया कि वह पुलिस के एक अधिकारी की तरह काम नहीं कर रहे थे.' चुनाव आयोग के इस कदम पर सवाल उठाते हुए आप और पंजाब एकता पार्टी (पीईपी) ने आदेश की समीक्षा की मांग की.