पठानकोट (पंजाब) : जम्मू कश्मीर के कठुआ में बंजारा समुदाय की आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में विशेष अदालत ने सोमवार को सजा का ऐलान कर दिया. 3 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. सांझीराम, दीपक खजुरिया, प्रवेश कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. 3 अन्य आरोपियों को 25 साल की सजा सुनाई गई है. न्यायालय ने दोषियों को 2 धारेआओं में 50-50 हजार और 1 लाख का जुर्माना लगाया है. 3 अन्य आरोपियों को 25 साल की सजा सुनाई गई है. दीपक, सांझी और प्रवेश पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया है. वकील ने बताया कि तीनों आरोपियों को सामूहिक बलात्कार के आरोपों में 25 वर्ष कैद की भी सजा सुनाई गई है. साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए पुलिस उपनिरीक्षक आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेन्दर वर्मा को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई.


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इससे पहले, पठानकोट की स्‍पेशल कोर्ट ने सात में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया था. 6 दोषियों के नाम सांझी राम, दीपक खजूरिया, आनंद दत्‍ता, तिलक राज, सुरेंद्र और प्रवेश हैं. वहीं कोर्ट ने विशाल जंगोत्रा को मामले से बरी कर दिया. मामले में दोषी ठहराए गए 6 आरोपियों में से 4 पुलिसकर्मी हैं. सांझी राम ग्राम प्रधान था. दीपक खजूरिया और सुरेंद्र विशेष पुलिस अधिकारी हैं. तिलक राज हेड कांस्टेबल है और आनंद दत्ता एसआई है. 3 जून को कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी.



आपको बता दें कि Zee News ने विशाल जंगोत्रा की सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई थी. इसके मुताबिक ये सामने आया था कि विशाल घटना के समस मौके पर मौजूद नहीं था. यह सीसीटीवी फुटेज 15 जनवरी, 2018 दोपहर करीब 3 बजे की थी. इसमें विशाल उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर के एटीएम से पैसे निकालते दिख रहा था.



15 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गयी आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी.


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मामले में रोजाना आधार पर सुनवाई पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पठानकोट की अदालत में मामले को भेजा गया.


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शीर्ष अदालत का आदेश तब आया जब कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था. इस मामले में अभियोजन दल में जे के चोपड़ा, एस एस बसरा और हरमिंदर सिंह शामिल थे. अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था. इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया. 


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सांजी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया. जिला और सत्र न्यायाधीश ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किए थे. किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा.