मंदिर के बाहर भी श्रद्धालुओं की लंबी कतार होती है, इसलिए बाहर भी दूर तक घेरा बनाया गया है. जिसमें भक्त एक दूसरे से संपर्क में आए बिना भगवान के दर्शन कर सकेंगे.
कुछ भक्त मुख्य द्वार बंद होने की वजह से मुख्य द्वार पर ही भगवान को श्रद्धा सुमन चढ़ाकर चले जाते हैं. जबकि कुछ पुजारी मंदिर के बाहर से ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए भक्तों को पूजा करा देते हैं. फिलहाल मंदिर परिसर के चारों ओर सन्नाटा पसरा है. वैसे मंदिर के बाहर फूल-प्रसाद वाले अपनी दुकान अब सजा कर बैठने लगे हैं लेकिन भक्तों की उपस्थिति न होने से इनकी बिक्री नहीं हो पा रही है.
हरिहरनाथ मंदिर की प्रसिद्धि देशभर में है और यह एक ऐसा मंदिर है जहां विष्णु और शिव यानी हरी और हर एक ही छत के नीचे विराजमान हैं. लॉकडाउन की स्थिति में देश विदेश के भक्तों को ऑनलाइन दर्शन और ऑनलाइन पूजा की सुविधा दी जा रही है. मंदिर में भगवान की नियमित पूजा अर्चना होती है लेकिन श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट बंद है, ऐसे में दूर से ही पूजा-अर्चना कर भक्तों को आशीर्वाद दिया जा रहा है.
कुछ भक्त मुख्य द्वार बंद होने की वजह से मुख्य द्वार पर ही भगवान को श्रद्धा सुमन चढ़ाकर चले जाते हैं. जबकि कुछ पुजारी मंदिर के बाहर से ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए भक्तों को पूजा करा देते हैं.
पूरे मंदिर प्रांगण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के उद्देश्य से सफेद पेंट से घेरा बनाया गया है. यहां मंदिर के बाहर भी श्रद्धालुओं की लंबी कतार होती है, इसलिए बाहर भी दूर तक घेरा बनाया गया है. जिसमें भक्त एक दूसरे से संपर्क में आए बिना भगवान के दर्शन कर सकेंगे और कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए गाइड लाइन का पालन भी अच्छे से हो सकेगा.
ऑनलाइन भक्त को भगवान के दर्शन के साथ-साथ वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठान भी ऑनलाइन कराया जा रहा है. मंदिर में पुजारी संतोष पांडेय का कहना है कि देश के अलग अलग कोने से भक्तों को ऑनलाइन पूजा कराई जाती है. भगवान को पुष्प-जल अर्पित करने से लेकर रुद्राभिषेक भी ऑनलाइन कराया जा रहा है.
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