Holi 2021: होली के रंग में नहीं पड़ेगा डर का भंग, छात्र ने तैयार की 'एंटी कोरोना पिचकारी'
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Holi 2021: होली के रंग में नहीं पड़ेगा डर का भंग, छात्र ने तैयार की 'एंटी कोरोना पिचकारी'

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते इस बार होली के रंगों से भी लोग डर रहे हैं. ऐसे में वाराणसी के युवा ने ऐसी पिचकारी बनाई है जो त्योहार के रंगों को फीका होने से बचा सकती है. 

छात्र विशाल पटेल ने एंटी कोरोना पिचकारी का निर्माण किया है.

वाराणसी: दोबारा कोरोना (Coronavirus) की आहट से जहां सरकार चिंता में है तो दूसरी ओर लोगों को रंगों के त्योहार होली (Holi 2021) के फीका होने का डर सताने लगा है. होली में उचित दूरी का पालन करना भी कठिन है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवा ने एक ऐसी पिचकारी का निर्माण किया है जो सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखते हुए होली का रंग जमायेगी. ये विशेष सेंसर युक्त पिचकारी बिना एक दूसरे को छुए रंग से भिगोएगी और जैसे ही लोग उचित दूरी का नियम तोड़ेंगे तो आगाह करेगी.

छात्र ने तैयार की खास पिचकारी

अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के छात्र विशाल पटेल ने इस पिचकारी का निर्माण किया है. विशाल ने बताया कि होली (Holi 2021) का पर्व कोरोना (Corona) के चलते फीका न पड़े, इस कारण हमने एक एंटी कोरोना पिचकारी बनाई है, जो सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन तो करेगी ही, साथ ही लोगों पर रंगों की बौछार भी करेगी.

इस तरह करेगी काम

छात्र विशाल पटेल ने बताया कि पिचकारी को ऊपर छत पर घर के सामने रखा जाएगा. इसके सामने आते ही इसके सेंसर एक्टिव हो जाएंगे और लोगों पर कलर फेंकने लगेगी. जब तक पिचकारी के सामने कोई नहीं आएगा, तब तक यह बंद रहेगी. सामने आते ही रंगों की बारिश होने लगेगी. यह मानव रहित पिचकारी कोरोना से लड़ने में बहुत सहायक होगी. इसके अलावा इसका प्रयोग सैनिटाइज करने में भी किया जा सकता है. इस पिचकारी को बनाने में 15 दिन लगे हैं. इसमें एक बार में 8 लीटर रंग भरा जा सकता है. इसमें 12 वोल्ट की एक बैट्री, इंफ्रारेड सेंसर, अल्ट्रा सोनिक सेंसर, स्विच, एलईडी लाइट का प्रयोग कर इसे बनाया गया है. इसे बनाने में 750 रुपये का खर्च आया है.

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क्या कहना है एक्सपर्ट्स का

डिपार्टमेंट ऑफ बिहेवियर आर्ट्स बीएचयू (BHU) के समन्वयक डॉ. मनीष अरोरा ने बताया कि यह अपने आप में अभिनव प्रयोग है. यह होली की खुशियों के साथ लोगों की सुरक्षा भी करेगा. इसमें मोबाइल बेस्ड सेंसर लगा होने से इंडस्ट्री में बहुत अच्छी संभावना है. संस्थान के रिसर्च डेवलपमेंट सेल के इंचार्ज श्याम चौरसिया कहते हैं कि कोरोना ने लोगों को तकनीक के सहारे जीने का रास्ता दिखाया है. बच्चों ने एक अच्छा प्रयास किया है.

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