चेन्नई के एक नामी स्कूल के टीचर पर कई मौजूदा और पूर्व छात्रों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. छात्रों का कहना है कि आरोपी शिक्षक उन्हें वॉट्सऐप पर भद्दे मेसेज भेजता है और ऑनलाइन क्लास के दौरान सिर्फ तौलिया पहनकर आ जाता है.
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नई दिल्ली: तमिलनाडु (Tamil Nadu) की राजधानी चेन्नई (Chennai) से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक नामी स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर पर कई स्टूडेंट्स ने यौन उत्पीड़न (Sexual Harrasment) करने का आरोप लगाया है, और शिक्षक के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है.
छात्रों का कहना है कि, 'आरोपी टीचर राजगोपालन उनको पिछले काफी समय से वॉट्सऐप पर भद्दे टेक्स्ट मेसेज भेज रहा है. इस संबंध में कई बार स्कूल प्रबंधन से भी शिकायत की गई थी. लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया. इसी लापरवाही ने आरोपी टीचर की हिम्मत को और बढ़ा दिया. हद तो उस वक्त हो गई जब शिक्षक सिर्फ तौलिए पहन कर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने आ गया. लेकिन अब ये और नहीं चलेगा.'
स्कूल के पूर्व छात्रों ने भी डीन को संबोधित करते हुए एक बयान जारी किया है. इसके मुताबिक, टीचर बीते 20 साल से स्कूल में अकाउंटेंसी और बिजनेस पढ़ा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार छात्रों के साथ यौन दुर्व्यवहार करने की कोशिश की और भद्दी अश्लील टिप्पणियां कीं. पूर्व छात्रों का कहना है कि टीचर ने लड़कियों का शोषण किया और उन्हें गलत तरीके से छुआ. यह भी दावा किया गया कि टीचर ने बच्चों को यह भी धमकी दी थी कि अगर कोई शिकायत करेगा तो उसको एग्जाम में कम नंबर देगा.
इसके साथ ही स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर टीचर के भद्दे वॉट्सऐप मैसेज के स्क्रीनशॉट्स को वायरल कर दिया है. इसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और हजारो की संख्या में लोग आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. छात्रों ने मांग की है कि टीचर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. और इसके साथ ही टीचर के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराई जाए.
जब मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तब जाकर स्कूल प्रशासन की नींद टूटी और स्कूल की डीन शीला राजेंद्रन ने इन आरोपों को लेकर जवाब दिया है. उन्होंने बयान जारी कर बताया कि हमें इस मामले की जानकारी एक दिन पहले यानी 23 मई 2021 को हुई है. जैसा कि बताया जा रहा है, उससे उलट इन आरोपों के बारे में कभी भी छात्रों ने स्कूल मैनेजमेंट को जानकारी नहीं दी है. उन्होंने बच्चों के माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे व्यवहार, जिससे बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़े, उसके प्रति स्कूल में जीरो-टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई जाती है. यह भी कहा कि इन आरोपों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जाएगी.
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