Sulli Deal केस का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया
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Sulli Deal केस का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

'सुल्ली डील्स' केस में दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने मामले में मास्टरमाइंड को इंदौर से कर लिया. आरोपी को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

Sulli Deal केस का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

नयी दिल्ली/इंदौरः दिल्ली पुलिस ने ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने के आरोप में एक व्यक्ति को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को कोर्ट ने 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने बताया कि यह ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामले में पहली गिरफ्तारी है. सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के इस मोबाइल ऐप्लीकेशन (ऐप) पर ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था.

  1. सुल्ली डील्स केस का मास्टरमाइंड अरेस्ट
  2. इंदौर से दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
  3. कोर्ट ने भेजा पुलिस हिरासत में

मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने की साजिश

उन्होंने बताया कि आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर (26) ने इंदौर स्थित आईपीएस अकादमी से बीसीए किया है और वह न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप का निवासी है. पुलिस के मुताबिक, अदालत ने ठाकुर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. पुलिस ने बताया कि ठाकुर वेबसाइट बनाने वाली कंपनी चलाता है और उसके 7-8 ट्विटर हैंडल थे और वह ट्विटर पर एक समूह का हिस्सा था, जिसके 8-12 सदस्य थे. दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के पी एस मल्होत्रा ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह ट्विटर पर उस समूह का सदस्य है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ‘ट्रोल’ के लिए विचारों को साझा किया जाता है.

ट्विटर से की शुरुआत

अधिकारी ने बताया, ‘उसने गिटहब पर कोड विकसित किया. गिटहब तक समूह के सभी सदस्यों की पहुंच थी. उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐप को साझा किया था. मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था.’ जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ‘एट द रेट गैंगेसियन’ हैंडल का उपयोग करके जनवरी 2020 में 'ट्रेडमहासभा' के नाम से ट्विटर पर समूह में शामिल हुआ था.

अभी भी जांच है जारी

पुलिस ने बताया कि समूह पर विभिन्न प्रकार की चर्चाओं के दौरान सदस्यों ने मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने को लेकर चर्चा की. डीसीपी ने कहा, ‘उसने (आरोपी ने) स्वीकार किया कि उसने गिटहब पर कोड/ऐप बनाया. सुल्ली डील्स ऐप को लेकर हुए हंगामे के बाद उसने सोशल मीडिया से इससे जुड़ी सभी सामग्री हटा दी थी.’ दिल्ली पुलिस ने बताया कि ऐप से जुड़े कोड/तस्वीरों का पता लगाने के लिए तकनीकी उपकरणों की जांच की जा रही है.

354-ए के तहत मामला दर्ज

दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ को अज्ञात लोगों द्वारा एक ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद उसने इस संबंध में मामला दर्ज किया था. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने पहले कहा था, ‘नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 'सुल्ली डील्स' मोबाइल ऐप्लिकेशन के संबंध में प्राप्त एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 354-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू की गई है.’

आरोपी की गिरफ्तारी के बारे में इंदौर पुलिस अंजान

इस बीच, इंदौर पुलिस ने रविवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने के आरोप में ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किए जाने की कोई जानकारी उसके साथ साझा नहीं है. इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया, ‘सुल्ली डील्स मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा इंदौर से ओंकारेश्वर ठाकुर नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में हमें मीडिया से ही पता चला है. इस बारे में दिल्ली पुलिस ने अब तक हमसे कोई आधिकारिक सूचना साझा नहीं की है.’

‘बुली बाई’ ऐप के सरगना ने किया था खुलासा

इसी तरह ‘बुली बाई’ मोबाइल ऐप्लिकेशन के मामले में, दिल्ली पुलिस ने एक महिला पत्रकार की तस्वीर से छेड़छाड़ कर उसे वेबसाइट पर अपलोड करने के आरोप में एक जनवरी को अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. दिल्ली पुलिस ने बताया कि असम से गिरफ्तार किया गया नीरज बिश्नोई ‘बुली बाई’ ऐप का कथित सरगना है और उसने इसे बनाया है. बिश्नोई ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह ट्विटर हैंडल ‘सुल्ली डील्स’ का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति से भी संपर्क में था, जिसने ‘सुल्ली डील्स’ ऐप को बनाया था.

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