OTT कंटेंट के मामले में दायर पीआईएल को लेकर सीजेआई (CJI) ने केंद्र से पूछा है, 'आप क्या कर रहे हैं?'. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे (chief justice SA Bobde) ने यह भी कहा है कि अदालत केवल सरकार के विचार-विमर्श को स्वीकार नहीं कर सकती.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नेटफ्लिक्स (Netflix) और अमेजन प्राइम (Amazon prime) जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए दायर जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से कहा कि केवल यह कहना कि सरकार इसके लिए कदम उठाने पर विचार कर रही है, यह पर्याप्त नहीं है.
'कानून बना रहे हैं या क्या कर रहे हैं?'
सीजेआई (CJI) ने पूछा 'आप क्या कर रहे हैं, कानून बना रहे हैं या क्या कर रहे हैं? आप क्या करना चाहते हैं, इसके लिए एक हलफनामा दायर करें?' केंद्र के वकील ने कहा कि यह मुद्दा अभी विचाराधीन है और अभी तक किसी भी कदम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे (chief justice SA Bobde) ने जवाब दिया कि अदालत केवल आपके विचार-विमर्श को स्वीकार नहीं कर सकती. सीजेआई ने कहा, 'नोटिस जारी किया गया है और मामले को लंबित मामले के साथ टैग करें.'
कंटेंट की निगरानी कैसे होगी?
बता दें, पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विभिन्न OTT/Streaming और Digital Platforms पर कंटेंट की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित संस्थान की स्थापना के लिए जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था. पीआईएल (PIL) में कहा गया था कि नेटफ्लिक्स (Netflix), अमेजन प्राइम (Amazon prime), और हॉटस्टार (Hotstar) सहित ओटीटी/स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म में से किसी ने भी फरवरी 2020 से सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए सेल्फ रेगुलेशन (Self regulation) पर साइन नहीं किए हैं.
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