Fire in Hospital Maharashtra: ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने दरवाजा खोला और कमरे में धुआं उठता हुआ देखा. इसके बाद उन्होंने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को बताया. जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) ने अस्पताल में लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) शुरू किया.
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भंडारा: महाराष्ट्र के भंडारा जिले में एक अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में आग (Fire in Hospital) लगने की वजह से दस बच्चों की मौत हो गई. आग शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि करीब 2:00 बजे लगी. हालांकि आग लगने के बाद 17 में से 7 बच्चों को बचा लिया गया. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है.
जानकारी के अनुसार, सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में जिस वक्त आग लगी तब वहां कुल 17 नवजात बच्चे मौजूद थे. आग लगने की सूचना मिलने पर आनन-फानन में फायर ब्रिगेड को फोन किया गया. लेकिन 10 बच्चों की आग में झुलसकर मौत हो गई. हालांकि बाद में 7 मासूमों को बचाने में कामयाबी भी मिली.
इस घटना पर अपनी संवेदनाएं जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा है. ''महाराष्ट्र के भंडारा में हुई हृदयविदारक घटना में हमने अपने अनमोल जीवनों को खो दिया है. सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द-जल्द ठीक जाएं.
Heart-wrenching tragedy in Bhandara, Maharashtra, where we have lost precious young lives. My thoughts are with all the bereaved families. I hope the injured recover as early as possible.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2021
गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं.
The fire accident in Bhandara district hospital, Maharashtra is very unfortunate. I am pained beyond words. My thoughts and condolences are with bereaved families. May God give them the strength to bear this irreparable loss.
— Amit Shah (@AmitShah) January 9, 2021
नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. लोग अस्पताल में आग कैसे लगी इसकी जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं अन्य लोग इसे अस्पताल की लापरवाही करार दे रहे हैं. अस्पताल के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा है.
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महाराष्ट्र (Maharashtra) के भंडारा में ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने दरवाजा खोला और कमरे में धुआं उठता हुआ देखा. इसके बाद उन्होंने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को बताया. जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) ने अस्पताल में लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) शुरू किया.
अस्पताल में मौजूद नवजात के पिता हीरा लाल ने कहा कि मुझको बताया कि मेरी बच्ची चली गई है, अभी बच्ची का डेडबॉडी देने को कहा है, यहां लापरवाही चल रही है. वहीं गुमान चौधरी ने बताया कि हमको 2 बजे इसकी सूचना मिली. मेरी नातिन की मौत हो गई है. हमें उनसे मिलने भी नहीं देते थे. 10 दिन हो गए हैं. लापरवाही हो रही है.
सोशल वर्कर सुधीर सर्वे ने कहा कि यहां लापरवाही की जा रही है. आग लगी तो वहां बचाने के लिए स्टाफ का कोई नहीं था. फायर ब्रिगेड वाले भी ज्यादा कुछ नहीं कर पाए, क्योंकि आग बिजली के शार्ट सर्किट से लगी थी. बच्चों को तुरंत हटाना चाहिए था, लेकिन वहीं कोई नहीं था.
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अब अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि कैसे 17 बच्चों के रोने तक की आवाज बाहर नहीं आई. क्या आसपास कोई देखभाल के लिए मौजूद नहीं था? आग लगने पर फायर अलार्म क्यों नहीं बजा? मृतक बच्चों के परिजन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
आग पर काबू पाने के बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया. आशंका जताई जा रही है कि सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है.
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