नई दिल्ली: एक पुरानी कहावत है, "गये थे हवन करने ,पर हाथ जला बैठे". कोराना (Coronavirus) से निपटने के लिए टैक्स बढ़ाने की सलाह देने वाले IRS ऑफिसर्स के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. वित्त मंत्रालय के विभाग सीबीडीटी ने जांच बिठा दी है कि आखिरकार बिना सलाह मांगे इन ऑफिसर्स ने सलाह की रिपोर्ट बनाकर कैसे भेज दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, एसोसिएशन के करीब 50 आफिसर्स ने 'फोर्स' नाम से एक रिपोर्ट में सलाह दी थी कि 10 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 4% का सरचार्ज लगाया जाएगा. जबकि एक करोड़ रुपये से ऊपर वाले इनकम पर 40% का टैक्स लगाया जाए. इसके अलावा 5 करोड़ से ऊपर की नेटवर्थ वालों पर वेल्थ टैक्स लगाया जाए. विदेशी कंपनियां जिनका ऑफिस भारत में है उन पर सरचार्ज बढ़ाया जाए.


इस तरह की सलाह मीडिया में आने के बाद बवाल मच गया. हालांकि IRS एसोसिएशन के लोगों ने यह साफ किया कि यह टैक्स विभाग का नजरिया नहीं है बल्कि ये हमारी सलाह है. लेकिन वित्त मंत्रालय को यह बात रास नहीं आई. मंत्रालय ने कहा कि पूरा देश इस वक्त वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में जनता को राहत की बात होनी चाहिए और दूसरी तरफ एसोसिएशन के ऑफिसर्स टैक्स बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं.


ये भी पढ़ें:- Lockdown में पहले से और ज्यादा साफ हुई Ganga नदी, नजर आए ये बड़े बदलाव


CBDT का कहना है कि हमने ऐसी रिपोर्ट कभी मांगी ही नहीं थी. इस तरह बिना मांगे रिपोर्ट देना आचरण संहिता के नियम के खिलाफ है. हमसे कोई परमिशन भी नहीं मांगी गई और रिपोर्ट भेजने की बात कही जा रही है और उनकी निजी सलाह को उन्होंने सार्वजनिक कर दिया. लिहाजा जांच बिठाई गई है कि ऐसा क्यों हुआ.


गौरतलब है कि कुछ समय पहले रिफंड की सुविधा में आसानी के लिए इनकम टैक्स विभाग मेल भेज रहा था, जिसे कुछ लोगों ने वसूली बताकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया था. जबकि हकीकत में करदाता आसानी के लिए मेल किए गए थे. ऐसे में वित्त मंत्रालय या सीबीडीटी कोई और ऐसा संदेश नहीं जाने देना चाहता, जिससे लगे सरकार संवेदनशील नहीं है. लिहाजा अपने ही ऑफिसर्स की इस गलती पर वो कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है.


ये भी देखें:-