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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार पूरे देश में अपनी जमीन तैयार करने में जुट गई है. इस कड़ी में पूर्वोत्तर, खासकर असम और त्रिपुरा में सेंध लगाने के लिए टीएमसी ने मंगलवार को सिलचर से कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देब को राज्य सभा के लिए उम्मीदवार नॉमिनेट किया है.
सुष्मिता हाल ही में कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुई हैं. उन्हें पूर्वोत्तर में पार्टी का चेहरा बनाए जाने की संभावना है. टीएमसी ने ट्वीट किया, 'हमें संसद के उच्च सदन के लिए सुष्मिता देब को नामित करते हुए बेहद खुशी हो रही है.' हाल ही में चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित 5 राज्यों में छह राज्य सभा सीटों के लिए उपचुनाव का ऐलान किया है.
मानस भुइयां के इस साल की शुरुआत में हुए विधान सभा चुनाव लड़ने और जीतने के बाद पश्चिम बंगाल में राज्य सभा की सीट खाली हो गई थी. उनकी जगह सुष्मिता देब को राज्य सभा के लिए नामित किया गया है. यह चुनाव 4 अक्टूबर को होंगे.
सुष्मिता को कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में आए अभी एक महीना ही हुआ है. उन्होंने पहले कहा था कि वह तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दी गई किसी भी जिम्मेदारी को निभाएंगी.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, सुष्मिता को राज्य सभा के लिए इसलिए नामित किया गया है, क्योंकि वह पूर्वोत्तर में पार्टी के कैडर और प्रभाव का विस्तार करने के मकसद से असम और त्रिपुरा में प्रचार कर रही हैं.
एक अन्य फैक्टर 2024 के लोक सभा चुनाव में तृणमूल की भाजपा को पछाड़ने की महत्वाकांक्षा है. सुष्मिता पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की प्रमुख रही हैं. तृणमूल को उम्मीद है कि वह जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं.
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इसके अलावा, संसद में टीएमसी महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में ज्यादा मुखर हैं, जहां सुष्मिता देब का अनुभव काम आएगा. सूत्रों के मुताबिक, सुष्मिता कथित तौर पर पहले कांग्रेस से इस तरह के प्रतिष्ठित पद की उम्मीद कर रही थीं. अब, जब टीएमसी ने उन्हें राज्य सभा उपचुनाव के लिए नामांकित किया है, तो यह सत्ता के गलियारों में उनकी स्थिति को मजबूत करने वाला फैसला होगा.