अगर किसी महिला ने किसी दूसरे समाज के शख्स के साथ शादी की है तो क्या उस आधार पर चुनाव में विरोध होना चाहिए. इस विषय पर विवाद हो सकता है लेकिन कुछ इसी तरह के केस से मिजोरम में कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई है.
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Mizoram Assembly Elections: छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) के समर्थकों ने मिजोरम के लुंगलेई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से मरियम एल ह्रांगचल को चुनाव मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस के खिलाफ शुक्रवार को आइजोल में विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि वह ऐसी मिजो महिला हैं, जिन्होंने दूसरे समुदाय के व्यक्ति से शादी की है. एमजेडपी ने पिछले साल दिसंबर में सभी राजनीतिक दलों से कहा था कि वे वैसी किसी भी मिजो महिला को उम्मीदवार न बनायें, जिसने गैर-मिजो व्यक्ति से शादी की हो. एमजेडपी ने कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि ऐसे राजनेता राज्य विधानसभा में बैठकर मिजोरम के लोगों को मौका मिले.
एमजेडपी का विरोध
एमजेडपी ने कहा कि राज्य के कानून और न्यायिक विभाग द्वारा प्रकाशित मिजो प्रथागत कानून के अनुसार, यदि कोई मिजो महिला समुदाय से बाहर शादी करती है, तो उसे अपने पति की संस्कृति, परंपरा और पहचान को अपनाना चाहिए. एमजेडपी अध्यक्ष एच. लालथियांघलीमा ने कहा कि हम अपने आंदोलन तेज करेंगे कि ऐसी मिजो महिलाएं निर्वाचित न हों. विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन प्रस्ताव पारित किये गये, जिनमें लोगों से समुदाय से बाहर शादी करने वाली मिजो महिलाओं को वोट न देने की अपील और मिजो पहचान संरक्षित रखने के लिए संघर्ष की प्रतिज्ञा शामिल थी.
कांग्रेस की मुश्किल बढ़ी
एमजेडपी के आदेश को धता बताते हुए कांग्रेस ने लुंगलेई दक्षिण सीट पर ह्रांगचल को मैदान में उतारा. ह्रांगचल ने गोरखा समुदाय के स्थानीय निवासी दीपेन ज़ोलियाना से शादी की है. जोलियाना ने हालांकि ईसाई धर्म और मिजो पहचान अपना ली है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता ने कहा कि ह्रांगचल को पार्टी का टिकट दिया गया है क्योंकि पार्टी का मानना है कि वह (ह्रांगचल) राज्य के लिए उपयोगी साबित होंगी. एमजेडपी की अपील के बाद भाजपा ने तुइवावल निर्वाचन क्षेत्र में अपना उम्मीदवार बदल दिया. इसने पहले जूडी जोहमिंगलियानी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने एक गैर-मिजो व्यक्ति से शादी की है.
(एजेंसी इनपुट-भाषा)