नई दिल्ली: संसदीय समिति ने सोशल मीडिया मंचों पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के सीईओ और शीर्ष अधिकारियों को संसदीय समिति के समक्ष पेश होने कहा था. इसके बाद ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारियों ने कम समय दिए जाने की बात कहकर संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के बाद ट्विटर की एक टीम रविवार (11 फरवरी) को संसद पहुंच गई. संसदीय समिति के सामने पेश होने वाली इस टीम में ट्विटर इंडिया के अधिकारी भी शामिल हैं.


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आपको बता दें कि सूचना-प्रौद्योगिकी पर गठित संसदीय समिति ने 1 फरवरी को ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर 10 दिनों के भीतर पेश होने को कहा था. ट्विटर ने समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने पेश होने के लिये कम समय दिये जाने को इसकी वजह बताया था. 


 



 


वहीं, समिति के सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि वे किसी भी ट्विटर के अधिकारियों से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक समिति के समक्ष ट्विटर ग्लोबल टीम के सीईओ या वरिष्ठ सदस्य पेश नहीं होते हैं. ट्विटर को इसके लिए 15 दिन की समय सीमा दी गई है.


इससे पहले समिति के सूत्रों ने शनिवार (10 फरवरी) को बताया था कि ट्विटर के अधिकारियों ने 10 दिन का समय दिये जाने के बाद भी कम समय का बहाना किया है. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक फरवरी को एक आधिकारिक पत्र लिखकर ट्विटर को सम्मन किया था. संसदीय समिति की बैठक पहले सात फरवरी को होनी थी लेकिन ट्विटर के सीईओ और अन्य अधिकारियों को अधिक समय देने के लिए बैठक को 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.