UP: Corona ने छीना पिता का साया, अब फुटपाथ पर 'कमीज' बेचकर घर का खर्च चला रही ये बच्ची
Advertisement
trendingNow1923512

UP: Corona ने छीना पिता का साया, अब फुटपाथ पर 'कमीज' बेचकर घर का खर्च चला रही ये बच्ची

कोरोना महामारी (Coronavirus) ने अनेक लोगों के घर उजाड़ दिए. यूपी के शाहजहांपुर में भी एक 10 साल की बच्ची के सिर से उसके पिता का साया छिन गया.

शाहजहांपुर में फुटपाथ पर पिता की बनाई शर्ट बेच रही माही (साभार पीटीआई)

शाहजहांपुर: कोरोना महामारी (Coronavirus) ने अनेक लोगों के घर उजाड़ दिए. यूपी के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में भी 10 साल की बच्ची के सिर से पिता का साया छिन गया तो वह परिवार का पेट पालने के लिए सड़क किनारे पिता की बनाई हुईं कमीजें बेच रही है. 

  1. कोरोना से पिता की हुई मौत
  2. शर्ट बनाने का काम करते थे पिता
  3. फुटपाथ पर रेडीमेड शर्ट बेच रही बेटी

 छठी कक्षा में पढ़ने वाली 10 साल की 'माही' के कंधों पर परिवार के चार लोगों की जिम्मेदारी आ गई है, अब वह सड़क के किनारे पिता की बनायी हुई कमीजें बेच कर अपने परिवार का गुजारा कर रही है .

कोरोना से पिता की हुई मौत

शाहजहांपुर (Shahjahanpur) के खिरनी बाग मोहल्ले में रहने बाले प्रदीप कुमार (45) अप्रैल में कोरोना संक्रमित हो गए थे. उन्हें तीन दिन तक तेज बुखार आया, फिर उन्होंने कोरोना परीक्षण कराया. जिसमें वे संक्रमित पाए गए. तब उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया गया, जहां इलाज के दौरान 30 अप्रैल को उनकी मौत हो गई.

शर्ट बनाने का काम करते थे पिता

माही (Mahi) ने बताया कि उसके पापा रेडीमेड शर्ट बनाकर दुकानदारों को बेचने का कारोबार करते थे. घर पर चार सिलाई मशीनें लगी हैं. उन पर कारीगर काम करते थे. पापा की मौत के बाद अब कारीगर भी नहीं आते हैं. माही ने बताया, ‘पिता की मौत के बाद घर पर खाने पीने की भी दिक्कत हो रही है. दादा राजकुमार 70 वर्ष के है. उन्हें बीमारियों ने जकड़ रखा है. वह बीमार रहते हैं. घर में बूढ़ी दादी और मां हैं.’

फुटपाथ पर रेडीमेड शर्ट बेच रही बेटी

माही  (Mahi) ने बताया, ‘ऐसे में मैंने पापा का कारोबार संभाल लिया और घर में बनी रखी कुछ रेडीमेड शर्ट को फुटपाथ पर ले जा कर बेचने लगी.’ माही ने बताया कि उसके पापा उसके लिए रोजाना पेस्ट्री या आइसक्रीम लाते थे. शायद उसके पापा को आभास हो गया था कि अब वह नहीं बचेंगे, इसलिए मरने से पहले भी उन्होंने अपनी बेटी को आइसक्रीम और पेस्ट्री मंगाकर खिलाई थी.

'अब कौन लेकर आएगा पेस्ट्री'

वह रूआंसी आवाज में कहती है, ‘अब कौन पेस्ट्री और आइसक्रीम लाएगा. पापा के जाने के बाद उसका घर ही बिखर गया है. अकेले में पापा की बहुत याद आती है.' हालांकि कुछ समाजसेवियों ने इस परिवार की बिजली का बिल चुकाने और अन्य तरीके से मदद की है लेकिन वह नाकाफी रही है.

बच्ची के परिवार की मदद की जाएगी- डीएम

जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है. जिले में ऐसे लोगों का विवरण इकट्ठा किया जा रहा है. जो बच्चे अनाथ हो गए हैं या जिनके घर में कमाऊ व्यक्ति की मौत हो गई है. उन्हें 18 वर्ष की आयु तक चार हजार रूपये प्रति माह शासन की ओर से दिया जाएगा. यह पैसा बच्चों के अभिभावक को मिलेगा.

ये भी पढ़ें- गुजरात: Sabarmati River के पानी में मिला Coronavirus, दो तालाबों का पानी भी संक्रमित

बच्ची का स्कूल में कराया जाएगा एडमिशन

उन्होंने बताया कि इसके लिए एक टीम काम कर रही है. इस महीने 25 जून तक ऐसे जो भी प्रकरण आ जाएंगे, उनका निस्तारण कर दिया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि जो बच्चे पढ़ रहे हैं, उन्हें सरकारी स्कूल, कस्तूरबा स्कूल आदि में दाखिले की भी व्यवस्था की जाएगी.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news