खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी. अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली रानी लक्ष्मीबाई का शहर है झांसी. चुनावी यात्रा में ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि क्या हैं झांसी के मुद्दे और क्या कह रही है यहां की जनता...
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झांसी: बुंदेलखंड के बड़े शहरों में से एक है झांसी जहां जिले में विधानसभा की 4 सीटें हैं. झांसी शहर, बबीना, मऊरानीपुर और गरौठा बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी सीटों पर कब्जा जमाया था. हालांकि इस बार सपा, बीजेपी को कड़ी टक्कर देती दिख रही है.
झांसी शहर में सबसे जानी-मानी जगह है इलाइट चौराहा. इसी चौराहे पर शहर में अपने जायके के लिए प्रसिद्ध है दुकान. कहा जाता है झांसी में यहां की दाल का स्वाद लेने शहर भर के लोग आते हैं. सियासी माहौल पर बातचीत में यहां के लोग कई समस्याओं पर बात कर रहे हैं. हालांकि जायके की सेवा में बरसों से लगे कर्मचारी कहते हैं कि सपा के शासनकाल में यदि खाने की दुकान चलाने का अनुभव अच्छा नहीं है, गुंडागर्दी से जब तक दो-चार होना पड़ता था.
बुंदेलखंड के इस इलाकों में सबसे बड़ी समस्या पानी की रहती है लिहाजा चुनावी माहौल के साथ-साथ ज़ी न्यूज़ की टीम ने यह भी जानने की कोशिश की है कि बीते 5 साल में इलाके में कुछ बदलाव आया है या नहीं. यह जानने के लिए हम मिले वर्तमान विधायक रवि शर्मा से. झांसी शहर से विधानसभा चुनाव में चौथी बार ताल ठोक रहे रवि शर्मा यह दिखाने ले गए कि आखिर प्रधानमंत्री नल जल योजना से गांव में घर-घर में किस तरह से पानी पहुंचना शुरू हुआ है. सबसे पहले गांव वालों को सुनिए, वह क्या कह रहे हैं.
रवि शर्मा बता रहे हैं कि झांसी जिले के 60 से 70 फ़ीसदी गांव में नल से जल पहुंचने लगा है. जो बचे हुए हैं, उन पर काम जारी है.
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बीजेपी उम्मीदवार भले ही यह दावा कर रहे हो लेकिन झांसी की ही बबीना सीट से सपा की टिकिट पर ताल ठोंक रहे. यशपाल यादव का दावा है कि न तो झांसी की सड़कें ठीक हैं और न ही लोगों तक पानी पहुंच रहा है. चारों तरफ बदहाली है और जनता परेशान... सपा की जहां जहां चुनावी सभाएं हो रही हैं वहां बिजली-पानी के मुद्दे को सपा लगातार उठा रही.
यह तो मुख्य मुकाबले में खड़ी दिख रही बीजेपी और सपा के उम्मीदवारों के अपने-अपने दावे की तस्वीर थी. झांसी में 20 फरवरी को वोटिंग होनी है.
वीरता, साहस और आत्म सम्मान का प्रतीक कहे जाने वाला ये शहर इतिहास में कभी बलवंत नगर के नाम से जाना जाता था. 1857 की क्रांति ने झांसी का इतिहास में अमर कर दिया. बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड इलाके में जीत का परचम फहराया. हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की डगर आसान नहीं है.
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