जिस समय यह हादसा हुआ उस वक्त गैंगमैन लखनऊ-नई दिल्ली रूट पर काम कर रहे थे.
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हरदोई: देश में ट्रेन हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले दिनों दशहरा में रावण दहन के दौरान पंजाब के अमृतसर में भीषण ट्रेन हादसे में 67 लोगों की मौत हो गई थी. ताजा मामला हरदोई का है. यहां लखनऊ-नई दिल्ली रूट पर काम कर रहे चार गैंगमैन की कटकर मौत हो गई. इस हादसे के बाद एकबार फिर से रेलवे पर सवाल उठने लगे हैं. मृतक के परिजनों ने शव उठाने से रोक दिया. मौके पर रेलवे और पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी पहुंच चुके हैं. जानकारी के मुताबिक, एक कर्मचारी लापता भी बताया जा रहा है.
जैसा कि बताया जा रहा है वे लोग दोपहर को लखनऊ-नई दिल्ली रूट पर काम कर रहे थे. इसी दौरान अकालतख्त एक्सप्रेस अचानक से आ गई. चारों गैंगमैन जब तक कुछ समझ पाते वह ट्रेन की चपेट में आ गए. शुरुआती जांच में इस हादसे में PWI की गलती बताई जा रही है. काम के दौरान वहां पर किसी तरह का बोर्ड नहीं लगा था और न ही झंडे लगाए गए थे. इसलिए, ट्रेन बिना रुके आ गई और हादसा हो गया. वहीं, PWI का कहना है कि उसने ब्लॉक की जानकारी संडीला स्टेशन को दी थी, लेकिन सूचना स्वीकार नहीं किया गया.
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वहां मौजूद दूसरे गैंगमैन का कहना है कि उस दौरान पटरी के बोल्ट मशीन से कसे जा रहे थे. जब तक ट्रेन आई तब तक चार बोल्ट कसे जा चुके थे, इसलिए ट्रेन नहीं पलटी. अगर बोल्ट नहीं कसे गए होते तो ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती. फिलहाल, तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच की जा रही है.