उत्‍तराखंड : निजी स्‍कूलों में NCERT किताबें हो गईं लागू, अब मनमानी फीस पर लगेगी लगाम
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उत्‍तराखंड : निजी स्‍कूलों में NCERT किताबें हो गईं लागू, अब मनमानी फीस पर लगेगी लगाम

राज्‍य के निजी स्‍कूलों में सरकार ने लागू की हैं NCERT की किताबें. मनमानी फीस पर अंकुश से अभिभावकों को राहत देने की तैयारी.

उत्‍तराखंड सरकार निजी स्‍कूलों में फीस की मनमानी रोकने को लाएगी एक्‍ट. (फाइल फोटो)

देहरादून : उत्‍तराखंड में अब निजी स्‍कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे. राज्‍य सरकार इन स्‍कूलों में एनसीईआरटी किताबें लागू कर चुकी है और अब मनमानी फीस पर भी अंकुश लगाने जा रही है. राज्‍य सरकार इसके लिए फीस रेगुलेशन एक्‍ट लाने की तैयारी कर रही है. इसी के साथ ही सीबीएसई स्‍कूलों की तर्ज पर अब सरकार राज्‍य के सीआईएससीई बोर्ड के स्‍कूलों में भी एनसीईआरटी की किताबें लागू करने की तैयारी कर रही है. सरकार के मुताबिक इसके लिए कैबिनेट में प्रस्‍ताव लाया जाएगा. उत्‍तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्‍डेय का कहना है कि राज्‍य में एनसीईआरटी किताबें लागू करने में सफलता मिली है. अब उत्‍तराखंड में फीस एक्‍ट को जल्‍द लागू किया जाएगा. उनका कहना है कि अगले शिक्षण सत्र से राज्‍य में फीस एक्‍ट लागू हो सकता है. इसमें स्‍कूलों की ग्रेडिंग के अनुसार ही स्‍कूल की फीस तय की जाएगी. 

  1. हाईकोर्ट ने सरकार के कदम को बताया उचित
  2. सरकार जल्‍द लाएगी फीस रेगुलेशन एक्‍ट
  3. सभी निजी स्‍कूल आएंगे एक्‍ट के दायरे में

जल्‍द बनेगी कमेटी
शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्‍डेय का कहना है कि निजी स्‍कूलों की फीस से जुड़ी मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार जल्‍द ही विभागीय स्‍तर पर प्रदेश स्‍तर की कमेटी बनाई जाएगी. इसमें निजी स्‍कूलों के भी प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा ताकि मामला पारदर्शी रहे. इस समिति की अध्‍यक्षता जिला स्‍तर पर डीएम करेंगे. उन्‍होंने कहा कि बिना भेदभाव के राज्‍य सरकार  फीस एक्‍ट लाने जा रही है. इसका ड्राफ्ट एक महीने में तैयार होगा. साथ ही प्रदेश के सभी स्‍कूल इसके दायरे में आएंगे. शिक्षा मंत्री का कहना है कि सीआईएससीई बोर्ड से संबद्ध सभी स्‍कूलों में को भी एनसीईआरटी के दायरे में लाया जाएगा.

हाईकोर्ट ने बताया सही
उत्‍तराखंड में निजी स्‍कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के राज्‍य सरकार के फैसले पर उत्‍तराखंड हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि निजी स्कूलों को अपने स्तर से लगाई जाने वाली किताबों की जानकारी देनी होगी. साथ ही उनकी कीमत भी एनसीईआरटी की किताबों के समान ही रहनी चाहिए. अब स्‍कूल संचालकों और प्रकाशकों को पहले राज्‍य सरकार को किताबों की रेट लिस्‍ट और सूची के बारे में जानकारी देनी होगी. हाईकोर्ट का कहना है कि निजी प्रकाशकों की किताबों की कीमत एनसीईआरटी की किताबों से अधिक नहीं होने चाहिए.

अभिभावक कर रहे हैं शिकायत
राज्‍य सरकार की इतनी कोशिशों के बाद भी निजी स्‍कूल मान नहीं रहे हैं. ये स्‍कूल राज्‍य सरकार की योजना को पलीता लगा रहे हैं. ये स्‍कूल एनसीईआरटी की किताबों के साथ ही निजी प्रकाशकों की रेफरेंस बुक भी लगा रहे हैं. कंट्रोल रूम में अभी तक ऐसे मामलों की 88 स्‍कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा चुकी हैं. राज्‍य में अभिभावक रेफरेंस बुक, कॉशन मनी और वार्षिक शुल्‍क से संबंधित शिकायतें दर्ज करा रहे हैं. बता दें कि इन शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए सरकार की ओर से चार समितियां बनाई गई हैं.

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