मुख्तार के बाद अब अतीक अहमद की बढ़ी मुश्किलें, 5 साल से लंबित कई केस में दर्ज हुई चार्जशीट
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मुख्तार के बाद अब अतीक अहमद की बढ़ी मुश्किलें, 5 साल से लंबित कई केस में दर्ज हुई चार्जशीट

सियासत से संबंध रखने वाले अपराधियों के खिलाफ दर्ज किसी एक मामले में भी अगर उन्हें सजा हो जाती है, तो नए कानून के मुताबिक वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इससे उन्हें राजनैतिक संरक्षण नहीं मिलेगा.

मुख्तार के बाद अब अतीक अहमद की बढ़ी मुश्किलें, 5 साल से लंबित कई केस में दर्ज हुई चार्जशीट

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार माफियाओं के अवैध साम्राज्य को खत्म करने के बाद उनके आपराधिक मुकदमों को भी अंजाम तक पहुंचाने में जुट गई है. एक तरफ जहां पंजाब के रोपड़ जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश लाने की तैयारियां तेज हो गई हैं, तो वहीं गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज केस में भी कार्रवाई गति पकड़ रही है. 

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5 साल से पेंडिंग चल रहे हैं 6 केस
प्रयागराज पुलिस ने 6 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिन केस में अतीक अहमद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, वे 5 साल से लंबित चल रहे थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता एस ए नसीम ने जानकारी दी कि इन मुकदमों में विवेचना पेंडिंग थी. लेकिन योगी सरकार की सख्ती के बाद प्रयागराज पुलिस एक्शन में आ गई और आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से रिमांड बनवाकर, उनके बयान लेकर अब चार्जशीट दाखिल कर दी है. 

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इन केस में फाइल हुई चार्जशीट
अतीक अहमद के खिलाफ जिन 6 मामलों में चार्जशीट दाखिल हुई है, उनमें साल 2015 में हुए अलकमा सुरजीत दोहरे हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप भी शामिल है. इसके अलावा, साल 2016 में जितेंद्र पटेल हत्याकांड के साथ धूमनगंज थाने में प्रॉपर्टी डीलर जैद को अगवा कर देवरिया जेल ले जाकर वहां पिटाई करने के भी आरोप अतीक अहमद पर लगे हैं. हालांकि इनमें विवेचना पेंडिंग थी. अब जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. साथ ही, गैंगस्टर के अलावा दो अन्य मुकदमों में भी अतीक अहमद के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट फाइल की है.

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2017 में हुआ था MP/MLA कोर्ट का गठन
बताया जा रहा है कि मुकदमों में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें बढ़ेंगी. मामलों की गवाही जल्द ही शुरू होने से मुकदमे को अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा. एसए नसीम का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2017 में MP/MLA Special Court का गठन किया था. इसका उद्देश्य था कि माननीयों के खिलाफ दर्ज मुकदमे जो काफी समय से लंबित हैं, उनमें सुनवाई की जाए और केस जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाए जाएं. बाद में जरूरत के हिसाब से तमाम दूसरे जनपदों में भी एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट का गठन किया गया. 

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इन बड़े माफियाओं के केस अभी भी चल रहे हैं
प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट के अंतर्गत पूर्वांचल के 12 जनपद आते हैं. ऐसे में कई माफियाओं के मुकदमे यहां चल रहे हैं. इनमें अतीक अहमद के अलावा माफिया मुख्तार अंसारी, धनंजय सिंह, बृजेश सिंह, दिलीप मिश्रा और विजय मिश्रा सहित तमाम दूसरे बड़े माफियाओं के नाम भी शामिल हैं. 

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सजा मिलेगी तो नहीं मिल पाएगा राजनैतिक संरक्षण
कानूनी जानकारों की माने तो सरकार जिस तरीके से अपराधियों माफियाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों में तेजी ला रही है. इससे साफ है कि सरकार आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को सजा दिलाने की कोशिश कर रही है. खासकर सियासत से संबंध रखने वाले अपराधियों के खिलाफ दर्ज किसी एक मामले में भी अगर उन्हें सजा हो जाती है तो नए कानून के मुताबिक वह चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे. जिससे उन्हें राजनैतिक संरक्षण नहीं मिलेगा. इससे उन्हें गुनाहों की सजा तो मिलेगी ही, साथ ही राजनीति में अपराधीकरण का भी खात्मा होगा. इससे सरकार आम लोगों में यह संदेश दे सकेगी कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है, तो वहीं दूसरे ऐसे लोगों को सबक मिल सकेगा जो आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं.

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