बसपा नेता पूर्व सांसद अफजल अंसारी ने पार्टी मुखिया मायावती पर गम्भीर आरोप लगाने वाले निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर प्रहार करते हुए आज कहा कि यह जनाधार विहीन और एहसान फरामोश नेता कभी मुस्लिमों के हितैषी नहीं रहे. अंसारी ने बातचीत में कहा कि बसपा के पूर्व महासचिव और मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले नसीमुद्दीन के निष्कासन से बसपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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बलिया: बसपा नेता पूर्व सांसद अफजल अंसारी ने पार्टी मुखिया मायावती पर गम्भीर आरोप लगाने वाले निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर प्रहार करते हुए आज कहा कि यह जनाधार विहीन और एहसान फरामोश नेता कभी मुस्लिमों के हितैषी नहीं रहे. अंसारी ने बातचीत में कहा कि बसपा के पूर्व महासचिव और मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले नसीमुद्दीन के निष्कासन से बसपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
नसीमुद्दीन का अपना कोई जनाधार नहीं है
उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन का अपना कोई जनाधार नहीं है. अपने बूते वह एक बार विधानसभा में पहुंचे थे. दोबारा उन्हें ऐसा मौका नसीब नहीं हुआ. इसके बावजूद मायावती ढाई दशक से अधिक समय तक उन्हें अहमियत देती रहीं. उनको बराबर विधान परिषद में भेजती रहीं और उच्च सदन में पार्टी का नेता बनाया. यहां तक कि बसपा की सरकार में वह 15 से अधिक विभागों के मंत्री रहे.
वह मायावती के प्रति ईमानदार नहीं रह पाए
अंसारी ने नसीमुद्दीन को एहसान फरामोश करार देते हुए कहा कि संगठन में भी उच्च पद दिये जाने के बावजूद वह मायावती के प्रति ईमानदार नहीं रह पाए. यहां तक कि वह उनके फोन को टेप करते रहे. जाहिर है कि उनकी नीयत शुरू से ठीक नहीं रही.
नसीमुद्दीन मायावती के खिलाफ खासकर मुसलमानों की हमदर्दी बटोरना चाहते हैं
अपने कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर चुके पूर्व सांसद ने कहा कि नसीमुद्दीन मायावती के खिलाफ खासकर मुसलमानों की हमदर्दी बटोरना चाहते हैं लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं होने वाली क्योंकि मुसलमानों को पता है कि जब वह मंत्री हुआ करते थे तब उन्होंने अपनी कौम की बेहतरी के लिए ना कुछ सोचा और ना ही कुछ किया. उन्होंने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें तथा उनके भाइयों मुख्तार और सिबगतउल्ला को बसपा से निकलवाने के पीछे भी नसीमुद्दीन को जिम्मेदार बताया.
मायावती ने हाल ही में नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाला है
मालूम हो कि मायावती ने कभी अपना दाहिना हाथ कहे जाने वाले नसीमुद्दीन को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में पिछले दिनों पार्टी से निकाल दिया था. उसके बाद नसीमुद्दीन ने बसपा मुखिया पर अनेक गम्भीर आरोप लगाये थे.