ताजमहल के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर चिंता जाहिर की है.
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नई दिल्ली (सुमित कुमार): ताजमहल के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के आसपास बढ़ रही गतिविधियों पर भी सवाल उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर केन्द्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रही योगी सरकार को फटकार भी लगाई. सुप्रीम कोर्ट ताज को पर्यावरण से हो रहे नुकसान से बचाने के उपायों का विजन डॉक्यूमेंट दायर न करने पर नाराज थी. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से ताजमहल के आसपास रोपे गए पौधों की संख्या के साथ ही विजन डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा है. इसके अलावा इलाके में चमड़े और कांच की बढ़ती फैक्ट्रियों पर भी जानकारी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ताजमहल को लेकर कोर्ट चिंतित है.
होटल और फैक्ट्री की बाढ़ से सुप्रीम कोर्ट परेशान
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- ताज के आसपास होटल, फैक्ट्री इत्यादि की बाढ़ सी आ गई है. पेड़ काटे जा रहे हैं. इन सबका कोई कारण बता सकते हैं आप?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार उनके समक्ष विजन डॉक्यूमेंट दायर नहीं करती, तब तक ताज के आस-पास किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. चाहे आगरा वाटर सप्लाई की पाइपलाइन का ही मसला क्यों न हो. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर पाइपलाइन बिछाने के लिए बहुत बड़ी मात्रा में पेड़ काटे जाते हैं और उनकी जगह पर नए पौधे लगाने के लिए जगह ही नहीं है. इसके लिए क्या कहना चाहेंगे आप?
यूपी सरकार ने मांगा समय
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से अब तक ताजमहल के आसपास काटे गए पेड़ों की संख्या की जानकारी मांगी. यूपी सरकार ने ताजमहल के संबंध में सभी जांच करने और कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.
पहले भी कर चुकी है तीखी टिप्पणी
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ताजमहल की सुरक्षा को लेकर कई बार आदेश दे चुका है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से सवाल किया था कि क्या वह विश्वप्रसिद्ध ताजमहल को 'नष्ट करना चाहती है.' न्यायालय ने यह तीखी टिप्पणी उस याचिका की सुनवाई के दौरान की थी, जिसमें मथुरा और दिल्ली के बीच करीब 80 किलोमीटर क्षेत्र में एक अतिरिक्त रेल लाइन बिछाने के लिए करीब 450 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी.