सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात अजय ने पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड
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सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात अजय ने पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

26 और 27 अक्टूबर को मॉस्को में हुई पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अजय ने 400 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मेडल का खिताब अपने नाम कर लिया.

खास बात यह है कि अजय के परिवार की तीन बेटियां भी पावरलिफ्टिंग में ब्लॉक स्तर पर चैंपियन हैं. (फाइल फोटो)

शिव कुमार/शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में रहने वाले अजय ने रूस के मॉस्को में हुए पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. अजय के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके पूरे गांव में खुशी का माहौल है. मॉस्को में गोल्ड जीतने वाले अजय पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं. वहीं, अजय को भी फख्र है कि उसने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया है.

जैसे ही परिवार को खबर मिली कि अजय ने मॉस्को में पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. वैसे ही गांव में परिवार वालों ने मिठाई बांटकर और आतिशबाजी करके जश्न मनाया. वहीं, अजय के पिता को गोल्ड मेडल जीतने की खबर मिली, तो उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. आपको बता दें कि थाना सिधौली क्षेत्र के महाउ महेश गांव के रहने वाले अजय पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं. सिधौली में एक छोटे से जिम में वह वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस करते हैं. अब तक वह कई राज्य स्तरीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर चुके हैं. 

परिजनों ने बताया कि अजय की तमन्ना थी कि एक बार वह वर्ल्ड कप में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन करे. 26 और 27 अक्टूबर को मॉस्को में हुई पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अजय ने 400 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मेडल का खिताब अपने नाम कर लिया. आज मॉस्को में अजय को इस बात पर फख्र है कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लहराया है.

बता दें कि अजय का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है. लेकिन, उनके जुनून ने उन्हें पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के लिए उन्हें मॉस्को में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंचा दिया. खास बात यह है कि अजय के परिवार की तीन बेटियां भी पावरलिफ्टिंग में ब्लॉक स्तर पर चैंपियन हैं. अब वे सभी अजय की तरह वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हैं. अजय ने अपनी मेहनत और लगन से रूस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का झंडा लहराया है. अजय ने एक छोटे से जिम में प्रैक्टिस करके यह मुकाम हासिल किया है. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर सरकार अपने स्तर से अजय को प्रशिक्षित करे, तो कई और गोल्ड मेडल अजय के नाम आ सकते हैं.

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