प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा मजदूरों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी है, वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार से 10 हजार सरकारी बसें चलाने को कहा है.
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लखनऊ: बीते दिनों मुजफ्फरनगर और अब औरैया में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के बाद उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से पैदल चले आ रहे श्रमिकों के लिए बसें चलाए जाने की मांग तेज हो गई है. जहां, एक तरफ प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा मजदूरों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी है, तो वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार से 10 हजार सरकारी बसें चलाने को कहा है.
मजदूरों के लिए 10 हजार बसें चलाईं जाएं: अखिलेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार से मजदूरों के लिए बसें चलाने की मांग की है. उन्होंने लिखा, ''पैदल घर पहुंचने के लिए वाहनों में विवश होकर चलने पर मजबूर व हादसों में अपनी जान गवां रहे प्रवासी मजदूरों को सम्मान और सुरक्षा के साथ घर पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार को 10 हजार सरकारी बसों को तत्काल चलाना चाहिए, क्या गरीब को कोई हक नहीं होता.''
पैदल घर पहुँचने के लिए वाहनों में विवश होकर चलने पर मजबूर व हादसों में अपनी जान गँवा रहे प्रवासी मज़दूरों को सम्मान और सुरक्षा के साथ घर पहुँचाने के लिए प्रदेश सरकार को 10 हज़ार सरकारी बसों को तत्काल चलाना चाहिए.
क्या ग़रीब का कोई हक़ नहीं होता?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 16, 2020
प्रियंका गांधी ने मांगी 1000 बस चलाने की अनुमति
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा है कि प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर, गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है. इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (AICC) वहन करेगी. महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए 1000 बसों को चलाने की अनुमति दी जाए.
प्रवासियों की पैदल व असुरक्षित वाहनों से एंट्री न हो, की जाए व्यवस्था: CM
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर फिर निर्देश दिए हैं कि अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश की सीमा में पैदल, दो पहिया वाहन और ट्रक के जरिए आ रहे प्रवासियों को बॉर्डर पर ही रोका जाए और उनके खाने-पीने से लेकर उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक छोड़ने की व्यवस्था की जाए.