4 अक्टूबर को हाथरस जाएंगे अखिलेश यादव, पीड़िता के परिवार से करेंगे मुलाकात
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4 अक्टूबर को हाथरस जाएंगे अखिलेश यादव, पीड़िता के परिवार से करेंगे मुलाकात

हाथरस और बलरामपुर रेप केस को लेकर समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार राजधानी लखनऊ में योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. 

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

हाथरस: समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 4 अक्टूबर को पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जाएंगे. गौरतलब है कि विपक्ष के कई नेता हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने की कोशिश कर चुके हैं. लेकिन पुलिस ने किसी भी नेता को पीड़ता के परिवार से मिलने नही दिया.

हाथरस और बलराम केस को लेकर सपा ने किया विरोध प्रदर्शन
हाथरस में और बलरामपुर रेप केस को लेकर समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार राजधानी लखनऊ में योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों में सपा कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध जताया. लखनऊ में सपा के कार्यकर्ता राजभवन के तरफ कूच करने लगे तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर कई बसों में भरकर ले गई. साथ ही सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया.

राहुल-प्रियंका और टीएमसी नेता ने पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश
बीते गुरुवार को राहुल और प्रियंका ने भी हाथरस में मृत पीड़िता के गांव जाने की कोशिश की थी. इस दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे पर पुलिस ने दोनों को रोक लिया था. इस दौरान पुलिस की कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ झड़प भी हुई थी, जिसमें राहुल गांधी जमीन पर गिर गए थे. राहुल और प्रियंका कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने लगे. करीब ढाई किमी चलने के बाद इकोटेक-1 थाना इलाके में पुलिस ने राहुल-प्रियंका को हिरासत में ले लिया था. पुलिस ने दोनों को 4 घंटे बाद छोड़ा था.

शुक्रवार सुबह तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने मृत पीड़िता के गांव पहुंचकर उसके परिजनों से मुलाकात की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें गांव के बाहर ही रोक दिया. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की के दौरान जमीन पर गिर गए. 

आपको बता दें कि हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर को खेत में मवेशियों के लिए चारा लाने गई 19 वर्षीय दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी. इस वारदात का आरोप गांव के ही चार युवकों पर लगा है, ये सभी पुलिस की गिरफ्त में हैं. पीड़िता को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बीते दिनों उसकी मौत हो गई. इसके बाद से ही विपक्षी दल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर हैं.

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