उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गैस गोदाम में दिहाडी करके 350 रुपये कमाने के साथ-साथ अतरौली के रहने वाले गगन ने जेजेई एडवांस्ड पास कर ऑल इंडिया में 5286 रैंक हालिस की है.अब वह बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेंगे.
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Aligarh News: जीवन है तो संघर्ष भी है और संघर्षपूर्ण जीवन में कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, जो लोग हार नहीं मानते, उन्हें कामयाबी जरूर मिलती है. ऐसी ही एक कहानी गगन की भी है. गगन अलीगढ़ के रहने वाले है और मजदूरी करते हैं. वह मजदूरी करके रोज 350 रुपये कमाते थे लेकिन उनका यह लक्ष्य नहीं है. उन्हें आईआईटी पास करके अपने मां-बाप का सपना पूरा करना है. इसी लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने अपने पिता के साथ दिहाड़ी करते हुए JEE एडवांस्ड 2024 की परीक्षा पास की और तैयारी करके ऑल इंडिया रैंक पाकर ये साबित कर दिया कि कोशिश अगर पूरी लगन से की जाए तो कभी व्यर्थ नहीं जाती. JEE एडवांस्ड करके उन्होंने अपने परिवार के साथ-साथ पूरे जनपद का नाम रोशन किया है.
गैस गोदाम में करते थे मजदूरी
गगन अब आईआईटी बीएचयू से बीटेक की पढ़ाई करेंगे. उन्होंने इलेक्ट्रिकल बीटेक में इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला लिया है. दरअसल, गगन अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले है. उन्होंने ऑल इंडिया में 5286 रैंक हासिल किया है. गगन अपन पिता और भाई के साथ गैस एंजेसी के गोदाम में काम करते हैं. उन सबका काम गैस सिलेंडर उठाने का है और इसके उन सबको दिन का 350 रुपये मिलते है.
दो प्रयासों में मिली सफलता
गगन का बचपन से हीं सपना था कि उन्हें इंजीनियर बनना है. इसलिए वे साल 2022 में JEE के प्रवेश एग्जाम में बैठे थे पहले प्रयास में उन्हें 8030वीं रैंक हालिस हुई थी इसी वजह से उन्हें आईआईटी में प्रवेश ना मिल सका. आर्थिक तंगी के मुश्किल हालात में नए सिरे से तैयारी की. इस बार जेईई एडवांस्ड 2024 में उन्हें 170 मार्क्स व ऑल इंडिया 5286 वीं रैंक मिली है और उनका सपना पूरा हो गया.
फिजिक्स वाला से ली थी कोचिंग
दिन में काम करने के बाद वह फोन की मदद से ऑनलाइन पढ़ाई करते थे. जिस मोबाइल की मदद से वह पढ़ाई करते थे वह फोन उनके पिता को सड़क पर पड़ा हुआ मिला था जिसे सही कराकर उन्होंने पढ़ाई शुरू की. गगन ने बताया कि अतरौली के सिटी कान्वेंट स्कूल में हाईस्कूल में 98.4 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. इसके बाद वह अलख पांडे की ऑनलाइन कोचिंग फिजिक्स वाला से जुड़ गए थे. गगन की कड़ी मेहनत को देखकर अलख पांड़े ने उन्हें चार लाख रुपये की स्कॉलरशिप भी ऑफर की थी.