सरकार को अधिक संक्रमित वाले शहरों में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है. हाईकोर्ट ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार को लॉकडाउन संबंधित निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकार से कहा कि अधिक संक्रमित जनपदों में दो से तीन सप्ताह का लॉकडाउन लगाने पर विचार किया जाए. यह फैसला जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने कोरोना को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.
"खुले स्थानों में बनाए जाएं अस्पताल"
कोर्ट ने मास्क का सख़्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है. सड़कों पर बगैर मास्क के लोगों के टहलने पर पुलिस के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी. कोर्ट ने कहा धार्मिक, सामाजिक आयोजनों में पचास से अधिक लोग शामिल न हों. कोर्ट ने सरकार को ट्रैकिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया. साथ ही शहरों में खुले मैदान में अस्थायी अस्पताल बनाकर लोगों का इलाज करने को कहा. इसके अलावा जरूरी समझने पर संविदा पर स्टाफ की तैनाती करने को कहा.
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"लोग नहीं होंगे तो विकास का क्या मतलब"
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा,"नदी में तूफान आने पर बांध उसे नहीं रोक पाते, बावजूद हमें कोरोना संक्रमण को रोकने का प्रयास करना चाहिए. जीवन रहेगा तो दरबार स्वास्थ्य ले सकेंगे, अर्थव्यवस्था भी दुरुस्त हो जाएगी." कोर्ट ने कहा कि विकास व्यक्तियों के लिए है. जब लोग ही नहीं होंगें तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा."
"लॉकडाउन पर करें विचार"
वहीं, लॉकडाउन को लेकर कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाना सही नहीं है, लेकिन संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिसको देखते हुए सरकार को अधिक संक्रमित वाले शहरों में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए. संक्रमण को फैलते एक साल हो गए. इसके बावजूद इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका है.
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"अगली सुनवाई में पेश होंगे CMO और DM"
कोर्ट ने राज्य सरकार को 11 अप्रैल की गाइडलाइन का सख़्ती से पालन कराने का भी निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को है, तब तक सचिव स्तर के अधिकारी को हलफनामा दाखिल करने को कहा. इस दौरान प्रयागराज CMO और जिलाधिकारी को कोर्ट में पेश होने को भी कहा गया है.
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