खुशी ने जनवरी में जमानत अर्जी दाखिल की थी. जिसमें उसने खुद के बेगुनाह होने और जेल में सेहत खराब होने का हवाला दिया था.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर विकास दुबे की बहू खुशी दुबे को जोरदार झटका दिया है. कोर्ट ने बिकरु कांड में आरोपी खुशी दूबे की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. बता दें कि खुशी, विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी है. पुलिस ने अमर दुबे को एनकांउटर में मार गिराया था.
जनवरी में दाखिल की थी याचिका
गौरतलब है कि खुशी ने जनवरी में जमानत अर्जी दाखिल की थी. जिसमें उसने खुद के बेगुनाह होने और जेल में सेहत खराब होने का हवाला दिया था. इसके साथ ही जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की थी. इस मामले पर एक जुलाई को सुनवाई होने के बाद जस्टिस जे जे मुनीर की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. शुक्रवार को इस मामले में दोबारा सुनवाई हुई.
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वकील ने खुशी को बताया बेकसूर
शुक्रवार को हुई कोर्ट में सुनवाई के दौरान खुशी के वकील प्रभा शंकर मिश्रा ने उसे बेकसूर बताया. नाबालिग को पुलिस द्वारा झूठा फंसाए जाने का आरोप लगाया. एक बेकसूर नाबालिग के एक साल से बंदीगृह में बंद रहने के कारण उसके व्यवहार में फर्क आने की बात कही.
अभिजोयन पक्ष ने कहा- षड्यंत्र में खुशी बराबर शामिल
वहीं, अभियोजन पक्ष ने कहा कि जमानत मिलने से उसके आपराधिक प्रवृत्ति की ओर बढ़ने की संभावना है. पुलिस विवेचना में खुशी पर गंभीर आरोप लगे हैं. गैंगस्टर विकास दुबे के कहने पर 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या और पूरे षड्यंत्र में खुशी बराबर शामिल रही. छिपे पुलिसकर्मियों की लोकेशन देने, उनकी हत्या के लिए अपराधियों को उकसाने तथा कारतूस आदि उपलब्ध कराने में खुशी ने पूरी मदद की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने खुशी के अपराध को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया.
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कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 8 पुलिसकर्मियों की साधारण नहीं बल्कि एक जघन्य अपराध है. यह घटना सामज की अंतरात्मा को झकझोरने वाली है. आरोपी को जमानत देना न्याय और कानून में विश्वास रखने वालों को हिलाकर रख देने जैसा कदम होगा. याची के खिलाफ चार्जशीट में लगे आरोपों को देखते हुए जमानत नहीं दिया जा सकता है.
SC में HC के आदेश के खिलाफ करेंगे अपील
खुशी के अधिवक्ता प्रभा शंकर मिश्रा का कहना है कि न्याय की उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है. खुशी बेकसूर है. अभियोजन ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी.
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1 साल से जेल में बंद है खुशी
गौरतलब है कि खुशी लगभग एक साल से जेल में बंद है. किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी को नाबालिग घोषित किया था, लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी. अभियोजन ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि बाराबंकी के राजकीय बालिका गृह में बंद खुशी का व्यवहार सही नहीं है.
क्या हुआ था 2 जुलाई की रात?
2 जुलाई की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में है दबिश देने गई पुलिस की टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गो ने हमला कर दिया था. जिसमें सीओ बिल्हौर सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. जिसके बाद यूपी पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास की गिरफ्तारी हुई और 10 जुलाई को वो एनकाउंटर में मारा गया. इस मामले में 6 आरोपियों का एनकाउंटर हुआ जबकि 40 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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शादी के 9 दिन बाद पुलिस ने खुशी को किया था गिरफ्तार
पुलिस ने बिकरू कांड के तीसरे दिन हमीरपुर में अमर दुबे का एनकाउंटर किया था. 8 जुलाई को खुशी को हिरासत में ले लिया था. तब भी खुशी की गिरफ्तारी और रिहाई को लेकर सवाल उठे थे. इसी बीच अमर और खुशी की शादी का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उसे आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था. बता दें कि शादी के 9 दिन बाद ही पुलिस ने खुशी दुबे को गिरफ्तार कर लिया था.
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