बोर्ड ने वर्तमान समय में इंटर की परीक्षा देने जा रहे परीक्षार्थियों की कक्षा 11 की वार्षिक, अर्धवार्षिक तथा इंटर की प्री बोर्ड परीक्षा की अंकों की जानकारी मांगी है.
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प्रयागराज: कोविड-काल में बोर्ड से लगातार विश्वविद्यालय तक की परीक्षाओं को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. हाईस्कूल के बाद अब इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों के संबंध में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जानकारी मांगी है. बोर्ड ने वर्तमान समय में इंटर की परीक्षा देने जा रहे परीक्षार्थियों की कक्षा 11 की वार्षिक, अर्धवार्षिक तथा इंटर की प्री बोर्ड परीक्षा की अंकों की जानकारी मांगी है.
एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार प्री बोर्ड परीक्षा कराई गई
बोर्ड सचिव की ओर से प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि फरवरी में बोर्ड की ओर से जारी एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार प्री बोर्ड परीक्षा कराई गई थी. माना जा रहा है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा सरकार न कराकर उन्हें आगे की कक्षा में प्रमोट करेगी.
28 मई तक वेबसाइट पर अपलोड हो जाएं अंक-बोर्ड
यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूल 2021 की परीक्षा के लिए पंजीकृत छात्रों की फरवरी में हुई प्री बोर्ड परीक्षा के अंक के साथ इन परीक्षार्थियों के 11 वीं के वार्षिक एवं छमाही परीक्षा के अंक के साथ 2021 में कक्षा 11की कृषि भाग-1 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की 2020-21 में हुई छमाही परीक्षा के अंक 28 मई तक वेबसाइट पर अपलोड कर दें.
मांगा था दसवीं बोर्ड के स्टूडेंट्स की अर्द्धवार्षिक व प्री-बोर्ड एग्जाम का प्राप्तांक और पूर्णांक
इससे पहले बोर्ड ने दसवीं बोर्ड के विद्यार्थियों की अर्द्धवार्षिक व प्री-बोर्ड एग्जाम का प्राप्तांक और पूर्णांक का विवरण मांगा था. दसवीं के विद्यार्थियों का अंक वेबसाइट पर अंक अपलोड करने के लिए बोर्ड ने विद्यालय को 20 मई तक का मौका दिया था. इसके बाद बोर्ड ने विद्यालयों से 24 मई तक कक्षा-नौ की वार्षिक परीक्षा का अंक विवरण भी मांग लिया. सके पीछे सीबीएसई व सीआइएससीई के तर्ज पर यूपी बोर्ड हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने का कयास लगाया जा रहा था।
कक्षा 10 और 12 दोनों ही कक्षाओं के परीक्षार्थी हो सकते हैं प्रमोट
सूत्रों का मानना है कि सरकार कक्षा 10 और 12 दोनों ही कक्षाओं के परीक्षार्थियों को प्रमोट कर सकती है. क्योंकि जिस तरह की स्थिति है उसमें इतनी बड़ी परीक्षा कराना मुश्किल है. कोरोना की तीसरी लहर भी आने की चर्चा है. इसीलिए सरकार इन्हें खुद की कक्षाओं के अंकों के आधार पर अगली कक्षा में भेज सकती है.
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