पुलिस को याचियों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हुए कहा कि वो लिव-इन-रिलेशनशिप में थे लेकिन बाद में उन्होंने एक-दूसरे से शादी कर ली. इसलिए हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों के मद्देनजर वे सुरक्षा के हकदार हैं.
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे बालिग युगल को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट (High Court) ने फिर से साफ किया है कि वह लिव-इन-रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है, परंतु कोर्ट ने उस कपल की दायर सुरक्षा याचिका को खारिज कर दिया था जो लिव-इन-रिलेशनशिप में रहना चाहते थे क्योंकि सुरक्षा की मांग करने वाले कपल में से एक याचिकाकर्ता पहले से ही विवाहित था. जस्टिस के जे ठाकर और जस्टिस दिनेश पाठक की डिवीजन बेंच ने ये आदेश दिया.
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याची को सुरक्षा देने निर्देश
जस्टिस केजे ठाकुर और जस्टिस दिनेश पाठक की खंडपीठ ने ये आदेश लिव-इन-रिलेशनशिप (Live In Relationship) में रह रहे बालिग युगल की याचिक पर दिया है. साथ ही पुलिस को याचियों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हुए कहा कि वो लिव-इन-रिलेशनशिप में थे लेकिन बाद में उन्होंने एक-दूसरे से शादी कर ली. इसलिए हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों के मद्देनजर वे सुरक्षा के हकदार हैं. कोर्ट ने कहा सर्वोच्च अदालत द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों के मुताबिक दोनों सुरक्षा के हकदार हैं.
इसके पहले लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले युगल की याचिका हुई थी खारिज
न्यायमूर्ति कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने एक कपल की सुरक्षा याचिका को खारिज कर दिया था क्योंकि सुरक्षा मांगने वाले कपल में महिला पहले से ही शादीशुदा थी और किसी अन्य पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी, जो हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधान के विपरीत है. कोर्ट ने इस कपल की याचिका को खारिज करते हुए पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था. इस मामले में याचियों ने इस संदेह के साथ याचिका दायर की थी कि उन्हें अपने परिवार से उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है.
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