अयोध्या केस: वकील को श्राप देने वाले से CJI ने पूछा- आप 88 साल के हैं, आपने ऐसा क्यों किया?
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को बद्दुआएं देने वाले तमिलनाडु के 88 साल के रिटायर्ड प्रोफेसर शनमुगम के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई.
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नई दिल्ली: अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को बद्दुआएं देने वाले तमिलनाडु के 88 साल के रिटायर्ड प्रोफेसर षणमुगम के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रोफेसर से पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया? आपकी 88 साल की उम्र है? इस पर प्रोफेसर षणमुगम ने अपने व्यवहार के लिए कोर्ट के समक्ष खेद प्रकट किया. प्रोफ़ेसर के खेद जताने पर सुप्रीम कोर्ट ने केस बंद किया.
धवन ने अपनी शिकायत में कहा था केस में मुस्लिम पक्ष की पैरवी के चलते प्रोफेसर षणमुगम की ओर से उन्हें खत लिखकर धमकाया जा रहा है, ऐसे में कोर्ट की कार्यवाही में दखल देने के चलते उन पर अवमानना कार्रवाई चलनी चाहिए. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर को नोटिस भेजा था.
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पत्र लिखाकर दिया श्राप
चेन्नई के रहने वाले 88 साल के प्रोफेसर एन षणमुगम ने धवन को 14 अगस्त को चिट्ठी लिखकर कहा था कि, फरवरी 1941 से लेकर अब तक मैं 50 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप कर चुका हूं. सितंबर 1958 से लेकर अब तक 27 हजार बार गीता का दसवां अध्याय पढ़ा है. अपनी इसी जीभ से मैं भगवान के काम में रास्ता रास्ते में अड़चन डालने के लिए आप को श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे. आपके पैर काम करना बंद कर दें. आपकी आंखों की रोशनी चली जाए. आपके कान सुनना बंद कर दें. इस पर धवन ने अवमानना याचिका के जरिये शिकायत की थी कि प्रोफेसर न्याय के काम में बाधा डाल रहे हैं.
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